बिना उदघाटन के ही समापन की ओर बढ़ता व्यापार मेला
ग्वालियर। ग्वालियर व्यापार मेला के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि ग्वालियर व्यापार मेला अपनी आधी से ज्यादा अवधि पूरी कर चुका है। लेकिन मेले का उदघाटन नहीं हो सका है और अभी तक उदघाटन के कोई आसार भी नजर नही आ रहे है ये स्थिति तब है जब मेले का औपचारिक समापन होने में केवल 20 दिन बाकी है।
दरअसल ग्वालियर व्यापार मेला साल दर साल राजनीति का शिकार होता जा रहा है। मेले की भव्यता और विस्तार तो धीरे धीरे सिमटता ही जा रहा है। अब इसके शुभारंभ और समापन में भी सरकार की दिलचस्पी नजर नही आ रही है। एक समय था जब मेले का उदघाटन करना किसी भी बडे नेता के लिए बहुत सम्मान की बात होती थी, लेकिन अब तक पिछले कई सालों से मेला बिना राजनीतिक नियुक्ति के ही अफसरों के भरोसे चल रहा है। यहां तक कि वाहनों पर रोड टैक्स में मिलने वाली छूट की मौखिक घोषणा कई बार होने के बाद भी काफी विलंब से इसका नोटिफिकेशन जारी हुआ है।
श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेले की शुरूआत सिंधिया परिवार ने ही की थी, लेकिन अब सिंधिया परिवार की दिलचस्पी भी मेले में लगातार कम होती जा रही है। ग्वालियर मेले की न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में प्रसिद्धि थी, लेकिन इस प्रसिद्धि में लगातार गिरावट आती जा रही है। वहीं मेले को उसका पुराना वैभव लौटाने की दिशा में कोई प्रयास किसी भी स्तर पर नजर नहीं आ रहे है। मेला में पहुंचने वाले सैलानियों का कहना है कि कुछ वर्षों से पहले मेले में की जाने वाली आकर्षक लाईटिंग भी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती थी और मेले के बाहर होने वाली लाईटिंग से ही मेले की भव्यता दिखती थी। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मेला के बाहर सड़क को तो छोड़ मेले के मुख्य द्वारों को भी लाईटिंग नहीं की जा रही है।
इनका कहना है
मेले का जिस भी वजह से उद्धाटन नहीं हो पाया, उसके कारण में जाने का अब कोई मतलब भी नही है लेकिन सिंधिया परिवार की विरासत ग्वालियर मेले का विधिवत शुभारंभ होना जरूर चाहिए था लेकिन अब समापन पर मुख्यमंत्री, सिंधिया जी या किसी बडे नेता को जरूर आना चाहिए। इससे व्यापारियों का उत्साह और मनोबल बढ़ेगा।
अनिल पुनियानी, संयुक्त अध्यक्ष, ग्वालियर व्यापारी मेला संघ
इनका कहना है
मुझे लगता है कि मेला राजनीति की शिकार हो रहा है लेकिन उसका असर मेले के शुभारंभ पर नहीं पड़ना चाहिए था लेकिन अब कम से कम मेले का समापन सम्मानपूर्वक होना चाहिए। क्योंकि ये केवल एक मेला ही नहीं बल्कि ग्वालियर का गौरव और शान के रूप में जाना जाता है।
महेंद्र भदकारिया, अध्यक्ष, ग्वालियर व्यापारी मेला संघ