अमरकंटक के समग्र विकास में श्री कल्याण सेवा आश्रम की अहम भूमिका

- पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य, आध्यात्मिक गतिविधियों मे सराहनीय सहयोग
अमरकंटक ।  मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक के मुख्य मार्ग में नगर के सुप्रसिद्ध आश्रमों में एक कल्याण सेवा आश्रम वर्ष 1977 से जन सेवा समाज सेवा आध्यात्मिक एवं धार्मिक गतिविधियों को अपना हम उद्देश्य बनाकर निरंतर कार्य कर रहा है कल्याण  सेवा आश्रम यथा नाम तथा गुण के अनुरूप अमरकंटक नगर में मिशन के रूप में अपना कर कार्य कर रहा है कल्याण सेवा आश्रम पर्यावरणीय आध्यात्मिक धार्मिक सामाजिक तथा मानव सेवा को अपना धर्म और कर्म मानते हुए अपने कार्यों में संलग्न है। आश्रम के प्रमुख परम तपस्वी वीतराग उदासीन संप्रदाय का अलख जगाने  वाले बाबा कल्याण दास जी  लगभग 47 वर्षों से सेवा को अपना धर्म  कर्म मानते हुए शिक्षा स्वास्थ्य धर्म आध्यात्म पर्यावरण गौ सेवा संवर्धन संरक्षण गौ सेवा गरीब असहाय निशक्त जनों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं तथा साथ ही साथ पवित्र नगरी अमरकंटक के विकास कार्यों में अपनी भागीदारी जिम्मेदारी के रूप में निभाते आ रहे हैं हालांकि तपस्वी बाबा कल्याण दास जी महाराज अपनी विभिन्न योजनाओं कार्य कार्यक्रमों के लिए अधिकांश समय अन्य आश्रमों एवं स्थान पर निरंतर आते-जाते रहते हैं लेकिन कार्य प्रभावित न हो कल्याण सेवा आश्रम के प्रबंधक ट्रस्टी हिमाद्री मुनि जी महाराज आश्रम ट्रस्ट की गतिविधियों कार्यों के सतत निगरानी करते हैं तथा योजनाओं को मूर्त रूप देने विकास कार्यों  को धरातल पर अमली जामा पहनाए जाने हेतु सतत प्रयत्नशील रहते हैं कभी भी कोई भी व्यक्ति आश्रम अपनी परेशानी या दिक्कतों को लेकर गया है उन्हें जानकारी मिली वह कभी भी निराश होकर वापस नहीं लौटा उसके समस्या का निदान हर हाल में हुआ है । 
कल्याण सेवा आश्रम के प्रबंधक ट्रस्टी हिमाद्री मुनि जी महाराज ने पत्रकार द्वारा जोर देने पर बताया कि कल्याण सेवा आश्रम द्वारा पवित्र नगरी अमरकंटक के लिए कई विकास कार्य योजनाओं को बाबा कल्याण दास जी के भावना तथा मंशा  के अनुसार कार्य किया एवं कराया जा रहा है क्योंकि हम अमरकंटक नगर के नागरिक हैं हमारा भी दायित्व बनता है कि हम कुछ नगर हित में अपनी अप्रतिम सेवा दे सकें । अमरकंटक नगर के हित में कल्याण सेवा आश्रम भी अपना सामाजिक दायित्व समझता है इसी को ध्यान में रखते हुए नगर के प्रमुख स्थल नर्मदा नदी के पावन तट पर इस शमशान घाट का नए सिरे से बेहतर ढंग से कार्य लगभग 20 लाख रूपयों की लागत से किया एवं कराया जा रहा है इस हेतु एक नग  अग्नि संस्कार हेतु पक्का शेड कंक्रीट का सुसज्जित बनाया जा रहा है तथा 100 लोगों के लिए प्रतीक्षालय तथा एक कमरा निर्माण किया जा रहा है साथ ही दो और अग्नि संस्कार स्थल बनाया जा रहा है तथा 100 * 100 के बाउंड्री वॉल तथा उसमें एक सुंदर गेट लगाया जाकर विकास किया जा रहा है । अमरकंटक का कल्याण सेवा आश्रम पर्यावरण संरक्षण संवर्धन को ध्यान में रखते हुए गुरुद्वारा एवं चंद्राचार्य अस्पताल के सामने रिक्त भूमि पर श्मशान घाट के ठीक सामने नर्मदा नदी के उत्तर तट पर 100 - 200 भूमि पर उसमें फेंसिंग लगाकर लगभग एक हजार छायादार तथा अन्य प्रजातियों के पौधे यहां की जलवायु एवं मौसम के अनुरूप पौधारोपण कराया गया है  उक्त पौधे ग्रीष्म खंड के मौसम में प्रभावित न हो इस दृष्टिकोण से उनकी सुरक्षा की गई है एक चौकीदार की नियुक्ति की जाकर सुरक्षा देख रहे तथा पानी की सिंचाई की जाती है किया गया है ।  पवित्र नगरी अमरकंटक का कल्याण सेवा आश्रम अपने धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यों को ध्यान में रखते हुए पतित पावनी मां नर्मदा जी के मेकल पार्क प्रथम बांध  पुष्कर मध्य में मां नर्मदा जी की 51 फुट ऊंची विशाल प्रतिमा का निर्माण कराया गया है जो कि पर्यटक तीर्थ यात्रियों एवं भक्ति श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है आने वाला हर व्यक्ति उसकी फोटो लेना नहीं भूलता है ।  
इतना ही नहीं अमरकंटक नगर का कल्याण सेवा आश्रम गौ माता के संरक्षण संवर्धन तथा गौ सेवा के तहत लगभग 500 से भी अधिक गौ माता गौशाला में रखकर अपनी निष्ठा एवं ईमानदारी के तहत अपनी भूमिका इस दिशा में बखूबी अदा कर रहा है जबकि गौ माता के लिए बहुत बड़ी-बड़ी ऊंची बातें की जाती हैं लेकिन आश्रम इस दिशा में अपनकटनथनी एवं करनी को पूरी तरह कर्तव्य भावना के साथ काम करने में अग्रसर है ।परम तपस्वी बाबा कल्याण दास जी महाराज की विशेष योजना एवं मंशा तथा भावना के तहत पतित पावनी पुण्य सलिला  मां नर्मदा जी की की जाने वाली नर्मदा परिक्रमा वासियों के रहने हेतु निशुल्क आवास भजन भोजन  की निशुल्क व्यवस्था आश्रम द्वारा होती है चाहे जितने भी आ जाएं उनका ससम्मान रहन-सहन होता है । कल्याण सेवा आश्रम अमरकंटक में गरीब बालकों को रखकर विद्यालयों में पठन-पाठन कराया जा रहा है बच्चों के रहने भोजन  तथा कपड़े पुस्तक आदि निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है ।  कल्याण सेवा आश्रम द्वारा वर्ष में दो-तीन अवसरों पर जनजाति महिला एवं पुरुषों को वस्त्र साड़ी आदि वितरित किए जाते हैं तथा नगर के जो भी व्यक्ति जन्म मृत्यु वैवाहिक कार्यों में सहयोग हेतु जाते हैं उन्हें आधिकारिक सहयोग रकम से सामग्री से देकर की जाती है आज तक आश्रम से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा है इसी कारण आश्रम में सहयोग की आकांक्षा के साथ  लोग जाते हैं उन्हें निराश नहीं होना पड़ा है । कल्याण सेवा आश्रम में गरीब मरीजों का उपचार किया कराया जाता है आवश्यकता पड़ने पर उन्हें निशुल्क एंबुलेंस यथा स्थल पर जाने हेतु उपलब्ध कराया जाता है तथा आवश्यक सहयोग मदद भी की जाती है ।


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