रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य कर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की सराहना की है। वे 29 दिसंबर, 2024 को मध्य प्रदेश के महू में भारतीय सेना के तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों - आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूसी), इन्फैंट्री स्कूल और मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग (एमसीटीई) के दौरे पर थे। इस दौरान उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।
राजनाथ सिंह को कार्यवाहक कमांडेंट द्वारा उन्नत इनक्यूबेशन एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना तथा प्रौद्योगिकियों के अवशोषण एवं परिवर्तन को सक्षम बनाने की दिशा में विभिन्न समझौता ज्ञापनों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में उनके योगदान को देखने के लिए सेना की निशानेबाजी इकाई का दौरा किया। रक्षा मंत्री ने इन्फैंट्री संग्रहालय का भी दौरा किया, जहां उन्हें इन्फैंट्री के इतिहास के साथ-साथ इन्फैंट्री में आधुनिक उपकरणों को शामिल करने के बारे में जानकारी दी गई।
रक्षा मंत्री ने एडब्ल्यूसी में आयोजित बड़ाखाना के दौरान तीनों संस्थानों के सभी रैंकों से बातचीत भी की। सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय सेना के जवानों के साहस और सतर्कता की सराहना की। उन्होंने कहा, "आपकी लगन और कर्तव्य के प्रति निष्ठा हम सभी के लिए प्रेरणा है। आपकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण ही हमारा देश और इसकी सीमाएँ लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं।"
राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों से वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य पर लगातार सतर्क निगाह रखने तथा किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे समय होते हैं जब भारत को सीमाओं के साथ-साथ आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में सैनिकों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे विरोधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें तथा उनके खिलाफ समय पर प्रभावी कदम उठाएं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सशस्त्र बल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, "आप हमारी सीमाओं के रक्षक हैं और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी हैं। मुझे यकीन है कि आप साहस और समर्पण के साथ हमारी सीमाओं की सुरक्षा करते रहेंगे और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में योगदान देंगे।"
इससे पहले, राजनाथ सिंह ने महू में डॉ. बीआर अंबेडकर को समर्पित स्मारक भीम जन्मभूमि का दौरा किया और उनके जन्मस्थान पर भारत रत्न और भारतीय संविधान के निर्माता को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर को निस्वार्थ सेवा का प्रतीक बताया, जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक समानता और सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया।