तीन समपार फाटकों का इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा, सात समपार फाटक बंद
मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में झाँसी मंडल रेल संरक्षा और संचालन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए निरन्तर कार्य कर रहा है। इसी श्रृंखला में जनवरी माह में तीन समपार फाटकों का इंटरलॉकिंग कार्य पूरा किया गया है , जबकि सात समपार फाटकों को बंद कर दिया गया है।
जनवरी 2025 में बदौसा-भरतकुप स्टेशनों के बीच स्थित इंजीनियरिंग समपार फाटक संख्या 481 का इंटरलॉकिंग कार्य पूरा कर लिया गया। इसके साथ ही पोखरायां-मलासा के बीच स्थित इंजीनियरिंग समपार फाटक संख्या 206 और 207 को इंटरलॉक कर दिया गया है । समपार फाटकों के इंटरलॉकिंग और समापन से रेल एवं सड़क यातायात अधिक सुरक्षित होगा, ट्रेनों की गति में सुधार आएगा और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए निर्बाध आवागमन सुनिश्चित होगा. ट्रेनों का सुचारू और समयबद्ध संचालन सुनिश्चित होता है. सिग्नल और पॉइंट्स को कंप्यूटराइज्ड तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है. मानवीय भूलों से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आती है. ट्रेनों की गति, दिशा और स्थिति को नियंत्रित करके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है. रेलवे संरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस तरह के कार्यों को लगातार आगे बढ़ा रहा है. इसके साथ ही ग्वालियर-श्योपुरकलां खंड में समपार फाटक संख्या 2, 5, 8 और 10, खैरार-भिमसेन खंड में समपार फाटक संख्या S-74 और S-53 तथा झाँसी-बीना खंड में समपार फाटक संख्या 312 को बंद कर दिया गया है. जिससे रेल संचालन में संरक्षा के साथ ही सड़क उपयोगकर्ताओं का भी आवागमन आसान होता है।