आदर्श रामलीला में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का तपस्वी भरत से मिलाप
आदर्श रामलीला समिति (झंंग बिरादरी) हनुमान नगर आदर्श कॉलोनी जिंसी नाला नंबर 1 * ग्वालियर झंग बिरादरी के तत्वधान में हो रही आदर्श

रामलीला के मंचन में प्रभु श्री बनवासी राम का त्यागी भरत से हुआ मिलाप जिसमें सर्वप्रथम भरत को रात को स्वपन में सोते हुए राजमुकुट एवं राम लक्ष्मण जानकी का वन में घूमते हुए दिखते हैं और और प्रातः अयोध्या से दूत का आना और भरत और शत्रुघ्न को अपने साथ अयोध्या ले आते हैं और अयोध्या में आते ही सबसे पहले भरत और शत्रुघ्न अपने पिता और भाई राम लक्ष्मण को देखते हैं जो कहीं नजर नहीं आते हैं तो वह अपनी माता केकई के पास जाते हैं और पूछते हैं की माताजी पिताश्री एवं भाई राम लक्ष्मण और माता जानकी कहीं नजर नहीं आ रहे तो वह बताती हैं आपके पिताजी का स्वर्गवास हो गया है तो वह पूछते है कि यह सब कैसे हुआ तो केकई बताती है कि मुझे उनसे जो वरदान लेने थे जिसमें मैंने तुम्हारे लिए राज और राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांगा इतना सुनते ही भरत और शत्रुघ्न विचलित होकर क्रोधित हो जाते हैं और भरत अपनी माता से काफी अपशब्द कहते हैं तभी वहां मथंरा पहुंचती है और रानी केकई से अपना इनाम मांगती है शत्रुघ्न उसे धिक्कार देते हैं उसके बाद भरत शत्रुघ्न माता कौशल्या के पास जाकर पिताश्री के दर्शन एवं राम लक्ष्मण जानकी से मिलने को कहते हैं तभी गुरु वशिष्ठ उनसे महाराजा दशरथ के पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि करने को कहते हैं और अंत्येष्टि करने के बाद भरत सूर्यवंशी झंडे के साथ प्रभु श्री राम को मिलने बन को निकल पड़ते है तो उनके साथ तीनों माताएं गुरु वशिष्ठ और सुमंत और *सेनानायक समिति के अध्यक्ष हरिओम नागपाल सूर्यवंशी झंडा लेकर आगे आगे चले* और साथ में अयोध्यावासी भी चल पड़ते और चित्रकूट पर जाकर राम और भरत का मिलाप होता है और भरत पिताजी की मृत्यु का समाचार सुनाते हैं तो राम लक्ष्मण जानकी व्याकुल होकर रोने लगते हैं तब गुरु वशिष्ठ उन दोनों को समझा कर अपने कर्तव्य का पालन करने को कहते हैं और इसमें भरत श्री राम को अयोध्या वापस चलने की जिद करते हैं तब राम उन्हें अपने माता पिता के वचनों को पालन करने की बात करते हुए भरत को अयोध्या जाकर अयोध्या वासियों की सेवा एवं उनकी रक्षा करने की बात कहते हैं तब भरत श्री राम के बहुत समझाने पर अयोध्या वापस जाने पर मजबूर हो जाते हैं और श्री राम जी से उनकी चरण पादुका मांगते हुए यह कहते हैं कि प्रभु जब तक आप वापिस नहीं आओगे मैं आपकी चरण पादुका को राजगद्दी पर रखकर अयोध्या वासियों की सेवा करूंगा परंतु आप भी एक बात का ध्यान रखना कि 14 वर्षों से 1 दिन भी अगर ऊपर करोगे तो भरत को जिंदा नहीं पाओगे इसी बीच *गुरु वशिष्ठ दोनों भाइयों के प्रेम को देखकर कहते हैं कि यहां आज के युग में धन दौलत के लिए भाई भाई को मारने को तैयार है वही राम और भरत मैं प्रेम त्याग सेवाऔ और माता-पिता की सेवा के साथ वचन निभा कर सूर्यवंश की शान बढ़ाई है* इसी के साथ लीला स्थल पर भगवान श्री राम की आरती करिए श्री रघुवर की दशरथ नंदन सीता वर की के साथ मंचन का समापन होता है आज की लीला मंचन के कलाकार सोमनाथ अनेजा , मोहनलाल अरोरा ,धीरज पोपली, योगेश कथूरिया, देवकीनंदन अरोरा ,प्रमोद पाहवा, दिलीप बत्रा
प्रेम अरोरा ,वासुदेव पोपली ,सुरेश नागपाल , विशवास अरोरा भरत भूटानी प्रमोद चचड़ा शैंकी सचदेवा, विजय टुटेजा, कमल मिगलानी शयाम सचदेवा एवं राधा किशन की झांकी में रवि एवं हिमांशु आदि ने मंचन किया। लाइव प्रसारण एवं एलईडी स्क्रीन डायरेक्शन प्रवीण नागपाल ने दिया
रामलीला के सेवा धारी भरत कथूरिया, नरेश तलुजा, सुभाष अरोड़ा,राजू क्वात्रा, संजय छाबड़ा, राजकुमार बढ़जात्या, गुलशन अरोड़ा ,गुलशन झाम, राजू पंडितआदि उपस्थित थे आज की रामलीला के मंचन में चित्रकूट में जहां भरत मिलाप हुआ उसका मनोहारी दृश्य देखकर दर्शक प्रशंसा करते रहे और देखते ही रह गए कल 14 मार्च शुक्रवार को
रावण और मारीच के संवाद की लीला का मंचन होगा 15 मार्च शनिवार को प्राचीन काल से विभाजन से पूर्व कमल मिगलानी के पिता स्वर्गीय राम जी दास मिगलानी के यहां से चल समारोह निकाला जाता था इस परंपरा के अनुसार उनके निवास से राम लक्ष्मण जानकी हनुमान के स्वरूप की झांकी चल समारोह पूजा अर्चना आरती के बाद प्रारंभ होगा जो हरिहर मंदिर आदर्श कॉलोनी से होते हुए फालका बाजार राम मंदिर दौलतगंज महाराज बड़ा सराफा डीडवाना होली पाटणकर बाजार से होते हुए जिंसी नाला नंबर 1 रामलीला स्थल पर पहुंचेगी जहां पर मनौतियों का दरबार लगेगा तत्पश्चात हनुमान मंदिर हनुमान नगर में झांकी को विराम दिया जाएगा और बाहर से आए हुए कलाकारों एवं अतिथियों को श्री राम जी का आशीर्वाद के रूप में प्रसाद एवं कज्जन दिया जाएगा