मेले में सैलानियों को खूब भा रही है रेगिस्तान के जहाज ऊँट की सवारी


ग्वालियर  सतरंगी रोशनी में नहाए रोमांचक व आकर्षक झूले ही मेले में मनोरंजन व आकर्षण का केन्द्र नहीं हैं, रेगिस्तान का जहाज यानि ऊँट भी सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। रंग बिरंगे परिधानों में सजे- धजे ऊँट  की सवारी करने के लिए बच्चों व युवाओं में होड़ मची है। मेले में पहुँच रहे सैलानियों को रेगिस्तान के जहाज की सवारी खूब भा रही है। 
इस साल के ग्वालियर व्यापार मेले में राजस्थान के धौलपुर व अन्य जिलों से ऊँट लेकर मनोरंजन व्यवसायी आए हैं। इससे मेले की रौनक बढ़ गई है। बाड़ी धौलपुर से ऊँट लेकर मेले में आए शब्बीर खान का कहना है कि हम पिछले 4-5 सालों से मेले में आ रहे हैं। नए साल के पहले दिन से मनोरंजन व सैर कराने का यह व्यवसाय अच्छा चल रहा है। उनका कहना है कि मुझे मेले में प्रतिदिन हज़ार से लेकर 1200 रुपए की औसतन आमदनी हो जाती है।खेल-खिलौने, खान-पान और परिधानों से सजी-धजी दुकानें के बीच मेले की चौड़ी सड़कों पर ऊँट की सवारी का सैलानी खूब लुत्फ उठा रहे हैं। पैरों के गद्देदार व गोलाकार पंजे होने से ऊँट आसानी से रेगिस्तान में आ जा सकता है और यह रेतीले क्षेत्र में परिवहन का सबसे अच्छा साधन माना जाता है। इसीलिए ऊँट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है। 

posted by Admin
38

Advertisement

sandhyadesh
sandhyadesh
sandhyadesh
sandhyadesh
sandhyadesh
Get In Touch

Padav, Dafrin Sarai, Gwalior (M.P.)

00000-00000

sandhyadesh@gmail.com

Follow Us

© Sandhyadesh. All Rights Reserved. Developed by Ankit Singhal

!-- Google Analytics snippet added by Site Kit -->