युवा पीढ़ी को प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास से जोड़ेगी समरगाथा: धर्मेन्द्र प्रधान
दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार स्व. नरेंद्र जैन (नंदा जी) के लेखों पर आधारित पुस्तक 'समर गाथा' का विमोचन किया।
इस अवसर पर नंदा जी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा की नंदा जी ने अपने लेखों के माध्यम से न केवल इतिहास के पन्नों को जीवंत किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और संघर्ष की प्रेरणा भी दी है। नंदा जी की यह पुस्तक उनके अमूल्य लेखन का संग्रह है, जिसमें उन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अनेक अनसुने पहलुओं को उजागर किया है। प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 'अमृतकाल' के विजन के तहत यह समय हमारी गौरवशाली विरासत को सहेजने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का है। इस दिशा में 'समर गाथा' एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो युवाओं को इतिहास से जुड़ने और देशभक्ति की भावना को प्रबल करने में सहायक होगी।
उन्होंने कहा कि हमारे देश का कोई ऐसा जिला, कोई गाँव नहीं होगा जहाँ स्वतंत्रता संग्रामियों की वीर गाथाएँ न हो। ओड़िशा का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया की महान सपूत वीर छबीला साय से हम सब परिचित हैं। उनके संगठित प्रयासों और संघर्ष ने ब्रिटिश शासन की नींव हिलाने के साथ संबलपुर, बारगढ़, झारसुगुड़ा के आस पास स्वतंत्रता की अलख जगाई थी। । इसी प्रकार देश के हर अंचल में ऐसी अनकही कहानियाँ हैं। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से ऐसे अनगिनत गुमनाम नायकों को राष्ट्रीय स्तर पर सामने लाया जा रहा है।
नंदा जी की स्मृति को नमन करने के लिए इस अवसर पर राष्ट्रीय अल्प संख्यक आयोग के सदस्य धन्य कुमार जिनाप्पा गुंडे जी, मध्य प्रदेश प्रशासनिक सुधार आयोग के सदस्य मनोज श्रीवास्तव (आईएस) ने भी नंदा जी के लेखों की सराहना की और बताया कि कैसे देश के अनेक गुमनाम शहीदों को हमे याद करने की आवश्यकता है। पुस्तक के संपादक डॉ. पियूष जैन और प्रभात प्रकाशन के संस्थापक प्रभात कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।