हमारी वाणी में विराजमान हैं मां भगवतीः पं. भार्गव
ग्वालियर। इस अनंत ब्रह्मांड में पराशक्ति मां जगदम्बा ही है, त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु महेश भी निरन्तर जिसे भजते हैं। वो हमारी वाणी में शब्द रूप में विराजमान हैं, उसी की कृपा से हमारी वाणी परिष्कृत होती है। मां अंबा की आराधना से धर्म अर्थ काम मोक्ष सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है। यह विचार पं कैलाश नारायण भार्गव ने नहर वाली माता मंदिर पर आयोजित देवी भागवत के महत्व पर व्याख्यान करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि सभी वेदों का सार देवी भागवत मेे निहित है। मां अंबे ही वो पराशक्ति है, जिसकी उर्जा से समूचा ब्रह्मांड प्रकाशवान हो रहा है। देवताओं मेें जो शक्ति विराजमान हैं वो साक्षात मां जगदम्बा ही है। उन्होंने कहा कि शब्द रूप ब्रह्म को जानना गहरा विषय है। यदि इसे हम समझ लें तो लक्ष्य कितना ही कठिन हो, उसे हासिल किया जा सकता है। वो न स्त्री है न पुरूष है, वो परमसत्ता है जिसकी शक्ति से ही समूचा संसार प्रकाशमान हैं। उन्होंने बताया कि मंत्र का उच्चारण करना ही पर्याप्त नहीं हंै,बल्कि ठीक प्रकार से मंत्र का उच्चारण करना अहम है। मध्यम सुर में मंत्रजाप करें जो सिर्फ हमें सुनाई दे। सिर्फ मुंह से नहीं बल्कि हमारे दृष्टिपटल पर चलता हुआ प्रतीत हो। इस मौके पर रामबाबू अग्रवाल, संजय अग्रवाल, मुकेश सिंघल, विकास शर्मा, अशोक जैन, संजय शर्मा, रामनाथ अग्रवाल समैत सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।