भारत की जीत पर क्यों गुस्साए कट्टपंथी, दंगाइयों पर रासुका लगाने की तैयारी
-प्रदीप कुमार वर्मा
दुबई में भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा आईसीसी चैंपियनशिप ट्रॉफी पर कब्जा किए जाने के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। यही नहीं दुनिया के क्रिकेट प्रेमी भी भारतीय टीम की इस जीत पर सच्ची खेल भावना के चलते अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं। लेकिन भारत में ही "कट्टरपंथी" सोच के चलते कुछ लोग खासे परेशान है। इसी परेशानी और कट्टरपंथी सोच के चलते मध्यप्रदेश के इंदौर के महु में भारत की जीत को लेकर एक "वर्ग विशेष" के लोगों ने अपनी नाराजगी जताई। जिसके चलते वहां आगजनी और हिंसा हुई। अब मध्यप्रदेश सरकार ने इस घटनाक्रम के आरोपियों पर "रासुका" लगाने का ऐलान कर दिया है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से भारत में कट्टरपंथी "सोच" को फैलाने को लेकर कड़वी सच्चाई सामने आई है। इस मामले का सबसे दुखद पहलू यह है कि अब तथाकथित कट्टरपंथियों ने खेल को भी नहीं छोड़ा है।
टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में हरा दिया। इस मैच में 252 रन के टारगेट का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 4 विकेट से जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही हिटमैन रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने आईसीसी चैंपियनशिप ट्रॉफी को अपने नाम कर लिया है। इस मुकाबले के बाद जहां भारत में जश्न की लहर है। वहीं, पाकिस्तान में दर्द का माहौल है। इस ट्रॉफी के मेजबानी का जिम्मा इस बार पाकिस्तान के पास था। पाकिस्तान में संभावित आतंकी गतिविधियों के दृष्टिगत भारत ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया। इसके बाद इस चैंपियनशिप के मैच सुरक्षा कारणों को लेकर दुबई में कराए गए ऐसे ही एक मैच में बीती रात भारत ने न्यूजीलैंड पर एक निर्णायक और शानदार जीत दर्ज की।
ट्रॉफी से मेजबान पाकिस्तान पहले ही बाहर हो गया था, जिसको लेकर पाकिस्तान समेत देश और दुनिया के अन्य कट्टरपंथी पहले से ही सदमे में थे।
आईसीसी चैंपियनशिप ट्रॉफी के नतीजे में भारत के सिर पर ताज चढ़ने के बाद कट्टरपंथियों को एक और सदमा लगा। मैच के बाद हुई सेरेमनी में भी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के ऑफिशिएलों की गैर हाजिरी को भी इसी कट्टरपंथी सोच और सदमे से जोड़कर देखा जा रहा है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के ऑफिशियलस के इस कदम से खेल भावना भी आहत हुई। लेकिन तब क्रिकेट के जानकारों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि भारत की जीत को लेकर अपने देश में कट्टरपंथी इस तरह नाराज हो जाएंगे,कि जश्न मनाने के दौरान लोगों पर ही हमला कर देंगे।
यह कट्टरपंथी सोच मध्य प्रदेश के मऊ में रविवार देर रात उजागर हुई जब भारतीय क्रिकेट टीम की जीत पर जश्न मना रहे कुछ युवकों को एक समुदाय विशेष के युवकों ने भला बुरा कहा। यही नहीं इन युवकों को घेर कर उन पर हमला भी बोल दिया। इस घटनाक्रम में जमकर हिंसा हुई और कई वाहनों को आग के हवाले भी कर दिया गया। इस हादसे के बाद में मध्यप्रदेश सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए दंगा करने वाले कट्टरपंथियों की पहचान करने के बाद एक दर्जन से अधिक लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। इस मामले में अब तक आठ फिर दर्ज की गई है, वहीं इंदौर पुलिस दंगाइयों की पहचान में जुटी है। मध्यप्रदेश शासन ने एक वर्ग विशेष के कट्टरपंथियों पर "रासुका" लगाने का ऐलान भी कर चुका है। खेल की जानकारों का कहना है कि कट्टरपंथियों को अपनी संकुचित सोच और मानसिकता में काम से कम खेल को तो छोड़ देना चाहिए।
भारत और पाकिस्तान का हर क्रिकेट मुकाबला किसी जंग के समान चर्चित रहता आया है। क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में भारत और पाक जब आमने-सामने होते हैं तो दोनों देशों में अपनी अपनी टीम के प्रति समर्पण की भावना रहती है। बताते चलें कि दुबई में जीत के साथ ही टीम इंडिया ने रिकॉर्ड तीसरी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी कर ली है। टीम इंडिया ने सबसे पहले साल 2002 में श्रीलंका के साथ ट्रॉफी को शेयर किया था, फिर 2013 और इसके बाद 2025 में इस खिताब को जीता है। इसके अलावा टीम इंडिया साल 2000 और 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में रनर्स अप भी रही थी। मध्य प्रदेश के इंदौर के महू में हुए दंगे के बाद एक बार फिर से यह विमर्श शुरू हो गया है कि भारत में रहने वाले कुछ लोग पाकिस्तान के साथ इतनी हमदर्दी क्यों रखते हैं?
इन दिनों भारतीय क्रिकेट टीम अपने उम्दा खेल कौशल और बेहतर प्रदर्शन के चलते देश और दुनिया में सफलता के नए आयाम गढ़ रही है। इसी प्रदर्शन के चलते क्रिकेट प्रेमी भारतीय खिलाड़ियों को अपनी पलकों पर बिठा रहे हैं। लेकिन देश और दुनिया में एक वर्ग ऐसा भी है जिसे भारतीय क्रिकेट टीम का यह खेल कौशल और जीत का सिलसिला रास नहीं आ रहा। समय-समय पर इसी तबके द्वारा कथित मजहबी तुष्टिकरण के नाम पर भारतीय क्रिकेट टीम के नामी खिलाड़ियों को निशाने पर लिया जा रहा है। इसके साथ ही सही कसर मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के महू में हुए घटनाक्रम ने पूरी कर दी है। जहां भारतीय क्रिकेट की जीत का जश्न बना रहे लोगों पर भी इसी सोच के लोगों द्वारा हमला कर दिया। भारत जैसे देश में जहां क्रिकेट महज एक खेल नहीं है,लोगों की जन भावना भी है। ऐसे में कट्टरपंथियों द्वारा भारतीय क्रिकेट और उसके सितारों को निशाना बनाना दुखद ही नहीं सोचनीय भी है।
-लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।