स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिकारी सेनानी मजदूरों के कर्मठ नेता कामरेड खूबचन्द भूतपूर्व पार्षद (साम्यवादी) के संघर्ष एवं त्याग की कुछ संक्षिप्त झलकियां
कॉमरेड खूबचन्द वर्मा जी का जन्म उत्तर प्रदेश के तत्कालिन जिला झांसी की तहसील ललितपुर के परगना तालबेहट के ग्राम पुराकलॉ मजदूर परिवार में दिनांक 19.10.2013 को हुआ था तथा जीवन के लंबे संघर्षो एवं अनैक राजनैतिक उथलपुथल व राजनैतिक परिवर्तनों के लंबे सफर के बाद दिनांक 15. 01.2012 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर, अल्कापुरी सिटी सेंटर में स्वर्गवास हो गया। कॉमरेड खूबचन्द के पिता का नाम स्व० कन्हैयालाल एवं माताजी का नाम स्व० सगुना देवी था। परिवार में अपने माता-पिता की तीसरी संतान थे। आप से बडे भाई स्व० भगवान दास एवं बडी बहन तथा एक छोटी बहन सगे चार बहन-भाई थे।
आपका जन्म अंग्रेजो के शासन काल हुआ तब गाँव देहात में गाँव जमीदार, जागीदार व साहूकारों का समाज के व्यक्तिगत जीवन पर खासा दबाव था । साहूकार, जमीदार एवं जागीरदार के दमन शोषण के खिलाफ किसी को भी आवाज उठाने पर अमानवीय दण्ड भोगना पडता था । ऐसी परिस्थितियों में गॉव देहात में वंचित व निम्न जातियों का जीवन अनैक कष्टों से भरा हुआ तथा समाज के संपन्न तपके से उपेक्षित और छुआ छुत से कष्ट भरा जीवन था । इन परिस्थितियों में कॉमरेड खूबचन्द की मॉ सगुना देवी ने अपने पति की मृत्यु उपरांत अपने बच्चों का मेहनत मजदूरी कर भरण पोषण कियाँ तथा गाँव मे जमीदार के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई तथा महिलाओं के साथ समूह बनाकर अन्याय व शोषण का विरोध किया। इन परिस्थितियों को कॉमरेड खूबचन्द ने बचपन से ही मॉ के संघर्ष को देखकर जमीदार, जागीदारी व अंग्रेजो के खिलाफ संघर्ष की ठान ली। इसी बीच गॉव के गांधीवादी बुजुर्गो के संपर्क में आने तथा तत्कालिन क्रांतिकारी शहिदे आजम भगत सिंह व चन्द्रशेखर तथा गांधी जी के आंदोलनों के बारे मे सूनकर जिज्ञासु प्रवृति उत्पन्न होने पर कॉमरेड चंदन सिंह के मित्र के संपर्क में आने पर क्रांतिकारी विचारों व आंदोलनों के प्रति भावनाऐं पनपने लगी । यह देखकर पूर्व क्रांतिकारी से शहिद चंद्रशेखर आजाद से मिलने की इच्छा व्यक्त करने पर तेरह साल की आयु में तत्कालिन खनियाधाना नरेश जो कि गुप्त रूप से आजादी के आंदोलनकारियों को आर्थिक मदद करते थे एवं आश्रय देते थे। तब पूर्व क्रांतिकारी के साथ पत्र देने के लिए गॉव से बैलगाडी से चलकर खनियाधाना में चंद्रशेखर आजाद से मुलाकात की। इस मुलाकात का कॉमरेड खूबचन्द के जीवन पर गहरा असर पड़ा।
कॉमरेड खूबचन्द द्वारा बताये गये उक्त संस्मरण गॉव में जमीदारों के दबाव व अन्याय के कारण कॉमरेड खूबचन्द की माताजी ने अपनी पुत्रियों की शादि के बाद दोनो पुत्रों को लेकर 1931 मे ग्वालियर आ गये तथा ग्वालियर के जे. सी. मिल मे नौकरी करने लगी तथा दोनो पुत्र अपनी मॉ के साथ मिल में मजदूरी करने लगे। लगभग 19 वर्ष की आयु में कॉमरेड खूबचन्द का विवाह स्व० श्रीमति बैनी बाई के साथ विवाह संपन्न हुआ था। इसी दौरान गांधीवादी आंदोलन हिंदुस्तान मे जोर पकड रहा था। ग्वालियर में भी गांधीवादी कांग्रेसी आंदोलन धीरे-धीरे बढ रहा था। कॉमरेड खूबचन्द ने इन आंदोलनों में गोपनीय तरीकों से भाग लेना शुरू कर दिया। रूस में मजदूर क्रांति के बाद कम्युनिस्ट सत्ता आने पर मजदूरों के हितों में अनैक कानून बने जिनका असर दुनिया के मजदूरों पर पडा । भारत में भी मजदूर आंदोलन की शुरूआत तेजी से होने लगी। तथा आंदोलनों के कारण अनैक परेशानियाँ उत्पन्न होने पर खूबचन्द की माताजी उन्हें लेकर अपने गाँव वापस चली गई और गॉव में हथकरघा पर कपडा बुनने का काम करने लगे, मशीन युग के विस्तार के दौर में पॉवर लूम पर बने कपडे सस्ते थे तथा महंगा सूत कपास और कपडे की मांग कम होने के कारण उन्हें दो साल बाद गॉव छोडकर ग्वालियर शहर आना पडा और ग्वालियर कॉटन मिल में मॉ एवं दोनो भाई काम करने लगे और पुरानी रेशम मील में निवास कर रहने लगे। इसी बीच सन 1945-46 में ग्वालियर के प्रसिद्ध मजदूर नेता कॉमरेड रामचंद्र सर्वटे जी के संपर्क में आने पर मजदूर सभा के सदस्य बने तथा मजदूर आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई तथा अंग्रेजी सरकार के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों में बढ-चढ कर हिस्सा लेने लगे। पुलिस की नजर में आने पर आप ने ग्वालियर शहर छोडकर आगरा, कानपुर तथा ईलाहाबाद में गुमनाम रहकर क्रांतिकारियों के साथ काम किया तथा मजदूर आंदोलनों के कारण अनैक बार जेल जाना पडा।
कॉमरेड खूबचंद के परिवार में प्रथम पुत्री का जन्म सन 1947 के बाद आजाद भारत मे हुआ । आजादी के बाद भारत में औधोगिकीकरण तेजी से हो रहा था तथा मजदूरों के कोई हक अधिकारों का पालन मील मालिकों द्वारा नहीं किया जाता था तब ऑल इंण्डिया ट्रेड यूनियन (एटक मजदूर सभा) के नेतृत्व में मजदूरों की मांगो को लेकर अनेक आंदोलन किये । सन 1951 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ली। भारतीय कम्प्युनिस्ट पार्टी पर प्रतिबंध लगने पर कॉमरेड खूबचन्द ने अपने अनैक साथियों की तरह ही अन्य शहरों में जाकर अज्ञात वास काटा था । पुनः वापस आकर ग्वालियर सिंधिया घराने के खिलाफ जमीदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए कम्युनिस्ट आंदोलन में भाग लिया तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लंबे समय तक कोषाध्यक्ष व नगर कमेटी ग्वालियर के विभिन्न पदों पर रहें। पुरानी रेशम मील के अपने परिवार सहित अपना निवास गौशपुरा नं- 02 मे किराये के मकान में बनाया तथा मजदूर सभा कार्यालय सर्वटे भवन का निर्माण 1975 में हुआ था । उक्त मजदूर सभा भवन के निर्माण में आपने कॉमरेड स्व0 रामचंद्र सर्वटे जी, स्व0 बालकदास व अन्य साथियों के साथ अहम भूमिका निभाई थी।
सन 1956 में नगर पालिका ग्वालियर का गठन होने पर आप पहली बार पार्षद पद पर मनोनित किये गये, तभी से कॉमरेड खूबचन्द का उपनाम जनता के बीच मेम्बर साहब के नाम से पहचाने जाने लगे ।
कॉमरेड खूबचन्द भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाते हुए सन 1957 के प्रथम नगर पालिका के चुनाव में गोसपुरा क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से पार्षद चुने गये तथा सन 1971 में पुनः निर्वाचित पार्षद रहे। कॉमरेड खूबचन्द ने अपने निवास क्षेत्र गोसपुरा नं-2 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का मजबूत गढ बनाकर लंबे समय तक रखा इस क्षेत्र को विभिन्न विपक्षी तत्कालिन पार्टियाँ केरल के नाम से संबोधित करती थी। कॉमरेड खूबचन्द को उनके परिवार में नन्ना के नाम से संबोधित किया जाता था, यही नाम पार्टी के बीच में भी लोग प्यार से बुलाते थे। कॉमरेड खूबचन्द के जीवन पर शोषण अन्याय के विरूद्ध क्रांतिकारी आंदोलनों से तथा कम्युनिस्ट विचारधारा का गहरा प्रभाव पडा और आजन्म कम्युनिस्ट सिद्धांत को अपने जीवन में उतारकर चलते रहे। कॉमरेड खूबचन्द के मिलनसार स्वभाव एवं ईमानदारी निर्भिकता तथा मधुरता के कारण जिससे भी मिले उससे संबंध निरंतर रख अपने साथ जोडे रखने का हुनर था । इसी कारण आपने मजदूर सभा ग्वालियर एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता में निरंतर सदस्य संख्या में ईजाफा किया। कॉमरेड खूबचन्द मजदूरों के बीच एवं अपने क्षेत्र में चिरपरीचित चेहरा रहे | कॉमरेड खूबचन्द ने अपने जीवन की अतिम सॉस 15 जनवरी को दोपहर 01:05 मिनट पर अपने निवास अल्कापुरी, सिटी सेंटर पर ली थी। कॉमरेड खूबचन्द का जीवन अन्याय व शोषण के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरणादायक है । आपके परिवार के पुत्र एवं पुत्रियाँ भारतीय कम्प्युनिष्ट पार्टी के सदस्य है तथा पार्टी में अपने पिता के सिद्धांतो के साथ संघर्षो में भागीदार है।
कॉमरेड कौशल शर्मा एडवोकेट
ग्वालियर, जिला सहसचिव एवं राज्य कार्यकारिणी सदस्य भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी मध्यप्रदेश