ग्वालियर। प्रसिद्ध कवि गीतकार शायर व पदमश्री सम्मान से सम्मानित निदा फाजली पर आधारित एक वृत्त चित्र मैं निदा का प्रदर्शन आगामी 9 नवंबर को ग्वालियर स्थित बाल भवन में किया जाएगा।उक्त जानकारी पत्रकारों को वेब कान्फ्रंेस के जरिये बालीबुड के प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर शान ने दी।
प्लेबैक सिंगर शान ने कहा कि पदमश्री से सम्मानित निद फाजली पांच भाषा उर्दू , हिन्दी, अरबी, अंग्रेजी के ज्ञाता थे, उन्होंने अपनी कविता , गजलें, शायरी सरल भाषा में लिखी। अधिकांश उनकी रचनाएं मुहाबरे, की तरह अलग और खास लोगों के बीच लोकप्रिय हो गई थी। उनके जीवन पर आधारित वृत चित्र बनाना एक चुनौती भरा कार्य था। उन्होंने निदा फाजली के साथ बिताये अपने बचपन को याद करते हुये कहा कि वह अपने लिखी रचनाओं को हम सभी लोगों से गाने को कहते थे। एवं उनकी रचनाओं को मेरे पिता व निदा फाजली मित्र मानस मुखर्जी कम्पोज करते थे। गायक शान के फिल्म शाष्द का गीत के बोल खुशबू हूं में फूल नहीं को गुनगुना कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मैं निदा फिलम के निर्माता अतुल गंगवार ने कहा कि उन्हांेने अदबी कालटेल, उर्दू बाजार, कार्यक्रम , उर्दू टेलीविजन नेटवर्क और ईटीवी के लिए बनाया। वहीं उनकी सुनो तुम और लफजों के दरम्यान आई नज्मों की एलबम प्रकाशित हुई। फिल्म निर्देशक अतुल पांडे ने बताया कि मैं निदा हूं के बारे में बताया कि फिल्म को बनाते समय उनसे हुई मुलाकातों के कुछ अंश है। कबीर और गालिब की तरह निदा फाजली आम आदमियों के लिए सांस्कृतिक मूल्यों को साहित्यक सादगी की भाषा को पिरोता था।
फिल्म एडीटर सीपीएल तोमर ने कहा कि निदा साहब पर डाक्यूमेंट्री बनाना एक चुनौती पूर्ण कार्य था जिसे 450 घंटों के अथक परिश्रम के बाद आम जनों के बीच में लाने को सफल हुये। वृत चित्र में बालीबुड के प्रसिद्ध गायक शान ने अपनी आवाज में गीत गाए है। जिसकी धुन उनके पिता मानस मुखर्जी ने बनाई है। इसके अलावा अन्य तीन गीतों को गायक संगीतकार जैमिन शर्मा की धुनों पर पारूल मिश्रा , टाॅम आल्टर ने अपनी आवाज दी है।
में निदा का प्रथम प्रदर्शन 9 नवंबर को ग्वालियर के बाल भवन में आयोजित किया गया है। 60 मिनट की इस डाक्यूमेंट्री को नेशनल और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में भेजा गया है। इसके तत्पश्चात दिल्ली एवं मुंबई में इसका प्रदर्शन किया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में अतुल गंगवार, सीपीएस तोमर, अतुल पांडे मीडिया प्रभारी कुलदीप आदि मौजूद रहे।