ग्वालियर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में 30 सितम्बर तक वर्षा की संभावना है। अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अधिकारी-कर्मचारी छुट्टी पर नहीं जाएं। अतिवर्षा के बावजूद भी जनजीवन सामान्य रहे, इसके लिए समय रहते आवश्यक सावधानियां बरतते हुए बचाव के कार्य किए जाएं। लोगों के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में अति वर्षा से निर्मित स्थिति और बचाव के लिए समत्व भवन में ली गई आपात बैठक में उक्त निर्देश दिए। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संभाग आयुक्त व जिला कलेक्टर से चर्चा कर ग्वालियर सहित प्रदेश के सभी जिलों की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने निर्देश दिए अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षा व सुविधा प्रदान करने के लिए राहत शिविर लगाएं और इसमें सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी सहयोग लिया जाएं। बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का आँकलन और पशु हानि की जानकारी भी यथाशीघ्र लेना आरंभ किया जाए। राहत राशि के वितरण में विलंब न हो, बाढ़ और अतिवृष्टि से पीड़ितों को राहत के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध है। राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल, दवाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित हो। ।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वर्षा का चक्र बदलने के कारण सितंबर माह में जितनी वर्ष होनी चाहिए उससे अधिक हो रही है। निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए और आवश्यकता अनुसार उन्हें राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन रपटों और पुलों पर पानी है, वहाँ तत्काल आवश्यक सावधानी व सतर्कता बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अति वर्षा के प्रभाव से हुई जनहानि और पशु हानि की स्थिति में राहत उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी कलेक्टरों को जनहानि की स्थिति में चार-चार लाख रुपए की सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा कर कलेक्टरों को तत्काल राशि परिजन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहां पर भी बाढ़ के पानी में लोग फंसे हैं उन्हें हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए। पुराने जीर्ण-शीर्ण भवनों को चिन्हित कर सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाए और आवश्यकता होने पर निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना सहित, प्रमुख सचिव, जल संसाधन, गृह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, राजस्व, लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा उपस्थित थे। कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर अरविंद सक्सेना व चंबल सुशांत सक्सेना, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, पुलिस उप महानिरीक्षक अमित सांघी, पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सगर, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू अरुण कुमार व टी एन सिंह तथा संयुक्त कलेक्टर संजीव जैन सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। संभाग आयुक्त मनोज खत्री भी गुना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए।
कलेक्टर ने जिले में चल रहे बचाव कार्य की दी जानकारी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जानकारी दी कि ग्वालियर जिले में जिला प्रशासन, पुलिस, नगरीय निकाय व जनपद पंचायतों की टीमें जल भराव वाले क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यों में जुटी हैं। साथ ही एसडीआरएफ की टीम बोट व अन्य बचाव सामग्री के साथ सक्रिय है। गुरुवार को प्रात:काल लगभग 325 लोगों को रेस्क्यू कर राहत शिविरों में पहुँचाया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित किए गए 6 राहत शिविरों में इन लोगों को रखा गया है। राहत शिविर में खाद्य पदार्थों व दवाओं का पर्याप्त इंतजाम उपलब्ध है। कलेक्टर ने बताया कि डबरा तहसील के ग्राम सेंकरा में पानी चारों ओर भर जाने से फँसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।कलेक्टर श्रीमती चौहान ने यह भी जानकारी दी कि अति वर्षा से जिले में चार लोगों की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया घाटीगाँव क्षेत्र के अंतर्गत पाटई नाला के तेज बहाव में एक व्यक्ति के बहने की सूचना मिली है। ग्राम जखारा में कच्चा मकान गिरने से महिला श्रीमती उमा बघेल की मृत्यु हुई है। ग्राम सेंथरी में कच्चा मकान गिरने से श्री मुकेश बघेल की मृत्यु होने की सूचना जिला प्रशासन को मिली है। ग्राम कोसा में भी एक कच्चा मकान गिर जाने से श्री अमन पुत्र धर्मेन्द्र रावत की मृत्यु हुई है। राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के तहत जल्द ही इन मृतकों के परिजनों को 4 – 4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।