एमडी का आदेश रोकें उर्जा मंत्री, बिजली उपभोक्ता परेशान हो रहे
ग्वालियर/ भोपाल। मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी क्षितिज सिंघल के एक फरमान ने बिजली उपभोक्ताओं को परेशान कर दिया है। केवायसी के फरमान से जहां उपभोक्ता परेशान है और वहीं मीटर रीडरों को भी उपभोक्ताओं से केवायसी कराने के लिए ओटीपी नंबर मांगने पर झगडे होने की शिकायतें बढने लगी है। उपभोक्ताओं का कहना है कि वह वर्षो से बिजली का उपभोग कर रहे हैं अब नया फरमान जारी कर केवायसी क्यों मांगी जा रही है। वहीं कुछ उपभोक्ताओं का मानना है कि केवायसी मांगना मप्र के उर्जा मंत्री की छवि को खराब करने का षडयंत्र लग रहा है जिससे मंत्री बदनाम हों।
मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी क्षितिज सिंघल ने एक आदेश जारी कर केवायसी कराने के निर्देश सभी मीटर रीडरों को दिए है इससे जहां मीटर रीडर परेशान है वहीं वह जहां भी केवायसी का ओटीपी मांगते हैं तो उनसे उपभोक्ताओं से झगडा भी होने लगा है। सूत्र बताते हैं कि मध्यप्रदेश में लगभग 60 प्रतिशत उपभोक्ता ऐसे हैं जिनकी समग्र आईडी नहीं बनी है क्योंकि मध्यम वर्ग के उपभोक्ता ना तो राशन की दुकानों पर जाकर राशन ले रहे हैं और राशन कार्ड तक उनके पास अब नहीं है। ऐसे में एक नया फरमान जारी कर केवायसी कराना बिजली विभाग को परेशानी का सबब है। सूत्र बताते हैं कि बिजली विभाग सहीं ढंग से बिजली की सप्लाई तक तो कर नहीं पा रहा है ऐसे में एक नया फरमान केवायसी का आने से उपभोक्ता परेशान होने लगे है। वैसे अधिकतर लोगों ने कई स्थानों पर पहले से केवायसी कराई है लेकिन उनसे आधार कार्ड से ही केवायसी कर ली जाती है। लेकिन बिजली विभाग ने पेन कार्ड से लेकर बैंक का खाता नंबर तक जोडने का फरमान जारी किया है यह फरमान केवल विभाग का दिवालिया पन बताता है।
सूत्र बताते हैं कि इस कार्य से बिजली विभाग के मंत्री की छवि धूमिल हो रही है। वहीं मध्यप्रदेश के अन्य किसी भी विद्युत मंडल में इस प्रकार का आदेश जारी नहीं हुआ है। सूत्र बताते हैं कि यदि बिजली विभाग को समग्र आईडी लेना भी है तो सबसे पहले उन उपभोक्ताओं से लेकर आयें जो लगातार बिजली चोरी कर रहे हैं वहीं उन्हांेने बिजली के मीटर तक नहीं लगाए है और तारों से सीधे लाइन लेकर बिजली की चोरी कर रहे है। और विभाग को राजस्व की हानि पहुंचा रहे है। सूत्र बताते हैं कि बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की भी जानकारी करना चाहिये कि मध्यम वर्ग की कितने उपभोक्ताओं की समग्र आईडी है। यदि विभाग को फरमान लागू ही करवाना है तो उसके लिए उसे लगभग छह माह से एक वर्ष का समय उपभोक्ताओं को देना चाहिये और केवायसी के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक करना चाहिये। बताया जाता है कि यह सब केवल अपने को उच्च बताने और मंत्री की छवि धूमिल करने का षडयंत्र है उर्जा मंत्री को इस ओर ध्यान देकर उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुये एमडी के आदेश को तुरंत प्रभाव से रोकना चाहिये जिससे उनकी छवि धूमिल ना हो।