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प्रेस्टीज प्रंबधन एवं शोध संस्थान में दो दिवसीय 15वीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ


प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर अपनी  अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के 15वें संस्करण के साथ  वर्ष 2024, जनवरी 6 से 7 के बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षाविदों, औद्योगिक जगत से विषेशज्ञों एवं शोधार्थियों के लिए पुनः एक नया आयाम जोड़ने जा रहा है। इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शिक्षा एवं औद्योगिक जगत को वर्तमान परिदृष्य से स्वतः को जोड़ने एवं नये तथ्यो के साथ विभिन्न सामाजिक, प्रबंधकीय एवं शोध के अन्य संदर्भो पर शोधार्थियों को अपने शोध कार्यो को प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त होगा। 
प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर द्वारा आयोजित की जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस विश्व पटल पर अत्यधिक लोकप्रिय एवं अपना एक विशेष स्थान रखती है। जनवरी 5, 2024 को अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के 15 वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में अकेदमिया एवं इण्डस्ट्रीज से एक से बढ़कर एक विद्वान उद्घाटन सत्र में उपस्थित रहे। जैंसा कि प्रेस्टीज प्रबन्धन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर हमेंशा कुछ नया करने का प्रयास करता है। उद्घाटन सत्र में उपस्थित रहे विशिष्ट अतिथि सी.ए. प्रभात चोपड़ा, चोपड़ा कन्सल्टेन्ट्स, ग्वालियर ने पूरे पैनल डिस्कसन को मोडरेट किया जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों से प्रश्न किये जिसमें सभी अतिथियों ने काफी सूझबूझ से जबाव भी दिये और उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को अकेदमिक के बाद उद्यमी बनने पर भी जोर दिया। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जिससे वो अपने जीवन को नई ऊँचाईयों तक लेकर जा सके।
उद्घाटन सत्र में उपस्थित रहे अंकुर माहेश्वरी  ने बताया कि हमारे देश में आधे स्नातकधारी विद्यार्थियों बेरोजगार है लेकिन वहीं दूसरी ओर यह यूथ हमारे देश की रीढ की हड्डी भी है। हमें हमारे यूथ को उद्यमिता की ओर एक सही दिशा देने की आवश्यकता है क्योंकि इन्हीं के जरिए हम पूरे विश्व को यह दिखाने में सक्षम हो पायेंगे कि हम उनसे बेहतर है। उद्घाटन सत्र में उपस्थित रहे प्रथम मुख्य वक्ता जस्टिन पॉल, प्रॉफेसर, यूनिवर्सिटी ऑफ प्योर्टोरिको, यू.एस.ए. ने बताया कि भारत पाँच ट्रिलियन इकॉनोमी की ओर अग्रसर है, और उन्होंने यह भी बताया कि यदि भारत इस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है तो उसे इण्डस्ट्री एण्ड अकेदमिया के बीच एकीकरण की आवष्यकता है। यही एकमात्र रास्ता है जिसके जरिए भारत अपने पाँच ट्रिलियन इकॉनोमी के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।     
उद्घाटन सत्र में उपस्थित रहे द्वितीय मुख्य वक्ता अनिल त्रिगुनयात, आई.एफ.एस., कॉन्फेडिरेशन ऑफ एज्यूकेशन एक्सीलेंस ने बताया कि आज के युग में छात्र-छात्राओं को अपने उद्यमिता कौशल को केवल अपने लिए नया व्यापार स्थापित करने में ही नहीं बल्कि अपनी जॉब में भी उपयोग में लाना चाहिए ताकि वो जिस उद्योग में कार्यरत है वहाँ एक नया मुकाम हासिल कर सके। उद्घाटन सत्र में उपस्थित रहे तृतीय मुख्य वक्ता अनिल भसीन ने इण्डस्ट्री अकेदमिया पार्टनरशिप में इण्डिया की पिछड़ने के iप्रश्न का जबाब देते हुए बताया कि हमें छात्र-छात्राओं को केवल पढाई पर ही फोकस नहीं रखना चाहिए बल्कि उन्हें उस कार्य को करने में मदद करनी चाहिए जिसमें वो रूचि रखते है, तभी वो अपने जीवन में सफलता को प्राप्त कर सकते है।
समारोह में डेविश जैन, चैयरमेन, प्रेस्टीज एज्यूकेशन फाउण्डेशन, ने कॉन्फ्रेंस में पधारे प्रतिभागियों के समक्ष अपने अनुभवों को साझा किया एवं बताया कि आज समूचा विश्व उद्योग प्रबंध के क्षेत्र में जिस दौर से गुजर रहा है। वह बहत ही बढ़ी चुनौती भरा है। यदि समस्या को समझकर उसका समूचित उपचार समय रहते न कियाय जाये तो उद्योगों को कठिन दौर से गुजरना पड़ता है। डेविश जैन ने प्रतिभागियों से कहा कि वे सार्थक विषयों पर शोध करे एवं उसको उचित तरीके से आगे बढ़ाये, उपलब्ध संसाधनों का ठीक ढंग से प्रयोग करें एवं समाज को अपना योगदान दे। 
प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान के डायरेक्टर डॉ. निशांत जोशी ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर शिक्षाविदों, औद्योगिक जगत से विषेशज्ञों एवं शोधार्थियों के लिए पुनः एक नया आयाम जोड़ने जा रहा है। इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शिक्षा जगत से जुडे प्राध्यापकों को वर्तमान परिदृष्य से स्वतः को जोड़ने एवं नये तथ्यों के साथ विभिन्न सामाजिक, प्रबंधकीय एवं शोध के अन्य सन्दर्भों पर अपने शोध कार्यों को प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त होगा तथा उन्होंने यह भी बताया कि हमारी अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का विषय बिल्कुल नया है जो ग्वालियर क्षेत्र में पहली बार आयोजित किया जा रहा है। जिससे हम इण्डस्ट्री तथा अकेदमी के बीच में सामंजस्य बिठा सकेंगे। उन्होंने आउटस्टैण्डिंग एल्युमिनाई अवार्ड का अनाउन्समेन्ट किया। 
संस्थान की सह-निदेशिका तारिका सिंह सिकरवार ने बताया कि हमारा 15 वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अकेदमिया तथा इण्डस्ट्री के ऊपर आधारित है जो आने वाले समय में अकेदमिया तथा इण्डस्ट्री के बीच की खाई को पूरा करने का प्रयास करेगा और उन्होंने मैनेजमेन्ट एक्सीलेंस अवार्ड एवं लाईफटाईम अचीवमेन्ट अवार्ड का अनाउन्समेंट किया। 15वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अलग-अलग वर्ग के लिए पुरूस्कार वितरण किया गया जिसमें मैनेजमेन्ट एक्सीलेंस अवार्ड, डॉ. मनोरंजन शर्मा, लाईफ टाईम अचीवमेन्ट अवार्ड  अनिल भसीन, आउटस्टैण्डिंग एल्युमिनाई अवार्ड डॉ. क्षेमेन्द्र शर्मा, पी.एच.डी. कम्पलीशन अवार्ड क्रमशः डॉ. अमृता भदौरिया तथा डॉ. प्रियंका चावला, 10 वर्श सर्विस कम्पलीशन अवार्ड डॉ. अभय दुबे, डॉ. प्रवीन अरोणकर, 20 वर्ष सर्विस कम्पलीशन अवार्ड प्रेम नारायण पोल, 25 वर्ष सर्विस कम्पलीशन अवार्ड आर.एस. भदौरिया को दिया गया। 
आज कॉन्फ्रेंस के पहले दिन सात तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें पाँच ऑफलाइन तथा दो ऑनलाइन है। पहला सत्र बेस्टी पी.एच.डी प्रजेन्टेशन का रहा जिसमें पी.एच.डी प्रजेन्टेशन हुए। यह जानकारी कॉन्फ्रेंस के संयोजक डॉ. अभय दुबे ने दी। उद्घाटन सत्र के दौरान देश-विदेश से शिक्षाविद तथा इण्डस्ट्रीयल उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र में आभार अभय दुबे ने किया। अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की सह-संयोजक डॉ. चन्दा गुलाटी ने जानकारी दी कि बेस्ट पेपर अवार्ड के रूप में विजेता प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार एवं प्रषस्ति पत्र दिये जायेंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आम्रपाली सप्रा ने किया। 

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