5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को स्कूल भेजना अपराधः इंद्रदेव महाराज

 - इंटक मैदान में श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम
ग्वालियर। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए. ऐसा करने से हम अपने बच्चों के अपराधी हो जाते हैं. क्योंकि हमें उनके बचपन को छीनने का कोई अधिकार नहीं है । यह विचार महामंडलेश्वर इंद्रदेव महाराज ने रविवार को इंटक मैदान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस व्यक्त किए।
 उन्होंने कहा कि जो लोग जीवन में गुरु नहीं बनाते हैं उनको भगवान की कृपा मिलना कठिन होती है । गुरु इंसान को सद् मार्ग दिखा कर ईश्वर से साक्षात्कार करता है । उन्होंने कहा कि बिना धर्म के जीवन में कोई आनंद नहीं है। कथा से जुड़े रहिए और जो भी वक्त अच्छा लगे उसे सुनते रहिए । वक्ता अच्छा और बुरा हो सकता है लेकिन भगवान की कथा सदैव ही कल्याणकारी होती है इसलिए यह विचार मत कीजिए कि वक्त कौन है। उन्होंने कहा कि सनातनियों को रोज तिलक लगाना चाहिए अपने बच्चों को भी रोज तिलक लगाओ तो उन्हें तिलक लगाने की आदत हो जाएगी। चंदन का तिलक लगाने से क्रोध शांत होता है । बच्चों को डॉक्टर इंजीनियर बनने के साथ अपने अच्छा इंसान भी बनाओ। 
उन्होंने बताया कि साधना दुष्टों की संगति से बचने का उपाय है । ध्यान से नेगेटिव केमिकल डिटॉक्स हो जाते हैं जिससे हम दुष्टों और दुष्ट विचारों से बच्चे रहते हैं । उन्होंने कहा कि अपनी काया को निरोगी रखिए अन्यथा माया किसी काम नहीं आएगी।  शरीर स्वस्थ होगा तभी हम संसारी व्यक्तियों से प्रेम कर पाएंगे दुश्मन का मुकाबला कर पाएंगे। आरोग्य सुख भगवान का दिया हुआ है इसे खराब करने का अधिकार आपका नहीं है. इसलिए इस विषय वासनाओं में डालकर नष्ट मत करो । उन्होंने कहा कि अच्छा खाओ अच्छा पहनो अच्छा बोलो अच्छा सुनो और अच्छा देखो तो ईश्वर आपका अच्छा ही अच्छा करेगा । ऐसे चित्र देखो जो वासना नहीं उपासना पैदा करें । उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने 11 वर्ष की अवस्था में महर्षि सांदीपनि से शिक्षा और दीक्षा ली। सुदर्शन चक्र चलाने की विद्या भी उन्हीं से सीखी ।
उज्जैन में खोलेंगे गौशाला....
इंद्रदेव महाराज ने बताया कि यह अगली गौशाला उज्जैन में बना रहे हैं और यदि जन सहयोग मिला तो वहां गुरुकुल भी खोलेंगे जिसमें छात्र-छात्राओं के पढ़ने की व्यवस्था अलग-अलग होगी । विद्यार्थी के पांच लक्षण बताते हुए उन्होंने कहा कि बगुल  जैसा ध्यान. कौवे जैसी दृष्टि. कुत्ते जैसी नींद. गृह त्यागी और अल्पाहारी विद्यार्थी को होना चाहिए। इस मौके पर कथा परीक्षित शशि सुधीर शाह प्रिया दीपांशु शाह उषा प्रदीप शाह नीलम संजय शाह सुषमा पवन गोयल प्रतिभा अशोक जैन स्मृति विवेक नूपुर नितिन इत्यादि सहित हजारों श्रद्धालु  मौजूद थे

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