बच्चों के लिए राष्ट्र निर्माण में सहायक देने वाली हो दिशा: पंकज नाफ़डे

- भारतीय शिक्षण मंडल के आनंद उत्सव में कई खेल भी हुए।
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बदलते समय में शिक्षा का रूप बदल गया है। इसके बावजूद हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों पर शिक्षा का दबाव न हो, बल्कि वह शिक्षा बच्चों के लिए प्रेरणा का कार्य करे। चूंकि बच्चे ही देश का भविष्य हैं यह बात ध्यान में रखकर उन्हें मानव मूल्यों को समझने वाली शिक्षा मिल सके। साथ ही उन्हें इसी दिशा दें कि वो राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें। भारतीय शिक्षण मंडल इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर बच्चों और युवाओं को दिशा देने का कार्य कर रहा है।
यह बात भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संयुक्त महामंत्री पंकज नाफ़डे ने कही। वह भारतीय शिक्षण मंडल मध्य प्रांत ग्वालियर की ओर से आयोजित आनंद उत्सव और कार्यकर्ता मिलन कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
भिंड रोड स्थित निजी शिक्षण संस्थान में हुए कार्यक्रम में सभी कार्यकर्ताओं को संगठन के उद्देश्यों से परिचित कराया गया कार्यक्रम को दिलचस्प बनाने के लिए स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टीविटीज और कंपटीशन
भी हुए, जिनमें सभी सदस्यों ने जीत के लिए दम दिखाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ ध्येय गीत से हुआ।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के ग्वालियर विभाग कार्यवाह निरुपम निवासकर विशेष रूप से मौजूद रहे।
मंडल की ओर से प्रांत उपाध्यक्ष डॉ शिव कुमार शर्मा, सह मंत्री पीयूष तांबे, जिला मंत्री शुभम जैन, जिला संपर्क अधिकारी स्वाति पेंडसे,
प्रचार सह प्रमुख कुलदीप पाठक सहित स्वप्निल राय, नितेश गोस्वामी आदि मौजूद रहे। संचालन स्वप्निल राय, मनीष लिमये ने व आभार मंडल के जिला अध्यक्ष प्रो एसके सिंह ने व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संदीप जी, हरप्रसाद जी, शुभम जी, यशपाल जी, राघवेन्द्र जी, वंदना जी, रवि जी, आकाश जी का योगदान रहा।
*ये गेम्स ने बदला माहौल*
मै जटायु- में चार ग्रुप बने थे, एक ग्रुप को कोई शब्द बताया गया, जिसे उन्हें सामने वाले ग्रुप को बताना था। वह मेसेज सामने वाले तक न पहुंचे इसके लिए दूसरे ग्रुप के लिए मै जटायु मै जटायु कहकर चिल्लाना था।
दूसरे गेम में टीम बनाकर महाभारत व रामायण के सीन रीक्रिएट कर के उसके संवाद मंच से बोलने थे।