आईआईटीएम ग्वालियर में CANDEE का भव्य शुभारंभ; अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने ऊर्जा एवं डिज़ाइन पर साझा किए नवीन विचार

वैज्ञानिक व्याख्यानों में वेस्ट हीट उपयोग, डीप डिज़ाइन और ऊर्जा–नवाचार पर केंद्रित चर्चाएँ

ग्वालियर, भारत — भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान (IITM) ग्वालियर में CANDEE (Collaborative Advancement in Novel Design, Energy & Environment) कार्यक्रम के फेज़–1 का शुभारंभ पारंपरिक विधि से माँ सरस्वती के आशीर्वाद के साथ किया गया। यह बहु-विषयक अंतरराष्ट्रीय पहल ऊर्जा, पर्यावरण एवं अत्याधुनिक डिज़ाइन इंजीनियरिंग में वैश्विक शोध सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
CANDEE का उद्देश्य ऊर्जा, डिज़ाइन और पर्यावरण विषयों पर वैश्विक शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना है, ताकि नवाचार, तकनीकी समाधान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नए आयाम प्रदान किए जा सकें।
कार्यक्रम का उद्घाटन IIITM ग्वालियर के निदेशक डॉ. एस.एन. सिंह ने किया।
उन्होंने छात्र–छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा: “एक सफल व्यक्ति बनने के लिए अच्छा आचरण, अनुशासन, सही नीयत, क्षमता और व्यवहारिकता अत्यंत आवश्यक है।” उद्घाटन सत्र का संचालन प्रो. डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने किया, जिन्होंने आयोजन के उद्देश्यों और CANDEE के आगामी चरणों की रूपरेखा प्रस्तुत की।
मुख्य वक्ता – प्रो. डॉ. अनुराग श्रीवास्तव (Quote Added) “इस आयोजन का उद्देश्य ज्ञान-साझाकरण के माध्यम से ऊर्जा और डिज़ाइन से जुड़ी वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में योगदान देना है।”
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ
देश–विदेश से आए प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों एवं प्रोफेसरों की सहभागिता
निदेशक डॉ. एस.एन. सिंह का प्रेरक उद्घाटन संदेश 
अकादमिक संचालन प्रो. डॉ. अनुराग श्रीवास्तव द्वारा
प्रो. अजय कुमार मिश्रा का डीप डिज़ाइन पर तकनीकी संबोधन और “फ़र्स्ट डेमो ट्रांसप्लांट” की सफल घोषणा
फ़्रांस से आई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि इंजीनियर जूलिया मोंटेलिने द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा पर अनुभव साझा
प्रो. Apparao M. Rao का उच्च-स्तरीय वैज्ञानिक व्याख्यान:
“Harvesting Near Room Temperature Waste Heat & Related Applications”
शोधार्थियों के लिए इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र
प्रो. Apparao M. Rao का मुख्य वैज्ञानिक व्याख्यान
अमेरिका स्थित Clemson Nanomaterials Institute के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. Apparao M. Rao ने ऊर्जा-विज्ञान के दार्शनिक और तकनीकी पक्षों पर आधारित अत्यंत महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।
उन्होंने एल्बर्ट हबर्ड के प्रसिद्ध कथन का उल्लेख करते हुए कहा:
“सफलता और असफलता दोनों ही संभावनाएँ हमारे साथ चलती हैं, लेकिन अंतिम जीत उसी को मिलती है जो संघर्षरत रहता है।”
मुख्य वैज्ञानिक बिंदु
विश्व में उत्पन्न कुल ऊर्जा का लगभग 60% हिस्सा वेस्ट-हीट के रूप में नष्ट हो जाता है।
उनकी नई शोध अवधारणा नीयर-रूम टेंपरेचर पर वेस्ट-हीट का पुन: उपयोग संभव बनाने पर केंद्रित है।
उन्होंने cellulose आधारित एक नए उन्नत अवयव (material) की तकनीक समझाई, जो वेस्ट-हीट को अधिक प्रभावी ढंग से कैप्चर करने में सक्षम है।
यह अवयव भविष्य की ऊर्जा प्रणालियों में ऊर्जा-संकट को काफी कम कर सकता है।
इंटरैक्टिव सत्र
प्रो. Rao ने छात्रों व शोधार्थियों के वैज्ञानिक प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दिए।
ऊर्जा-अपशिष्ट उपयोग, थर्मल इंजीनियरिंग और आने वाले तकनीकी नवाचारों को लेकर हुई चर्चा अत्यंत ज्ञानवर्धक रही।
अंतरराष्ट्रीय सहभागिता
इस कार्यक्रम में भारत के अलावा फ़्रांस सहित अनेक देशों के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ सम्मिलित हुए।
फ़्रांस से आई नवीकरणीय ऊर्जा विशेषज्ञ इंजीनियर जूलिया मोंटेलिने ने कहा:
“भारत में मेरा यह पहला अनुभव अत्यंत प्रेरणादायक रहा। नवीकरणीय ऊर्जा पर हो रहे शोध प्रयास वैश्विक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।”
घोषणाएँ एवं उपलब्धियाँ
डीप डिज़ाइन तकनीक के “फ़र्स्ट डेमो ट्रांसप्लांट” की सफल प्रस्तुति
वेस्ट-हीट कैप्चर हेतु नए cellulose-आधारित अवयव की तकनीकी घोषणा
CANDEE के आगामी चरणों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रमों का विस्तार
प्रभाव एवं परिणाम
ऊर्जा, पर्यावरण और डिज़ाइन इंजीनियरिंग में नए शोध मार्ग खुले
वेस्ट-हीट उपयोग तकनीक में नए वैज्ञानिक दृष्टिकोण सामने आए
अंतरराष्ट्रीय अकादमिक साझेदारियाँ सुदृढ़ हुईं
विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को उच्च-स्तरीय वैज्ञानिक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ
भविष्य की दिशा
आगामी चरणों में CANDEE के अंतर्गत:
अंतरराष्ट्रीय संयुक्त शोध परियोजनाएँ
फैकल्टी एवं स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रम
उन्नत कार्यशालाएँ एवं प्रयोगशाला विस्तार
CANDEE सम्मेलन 2026 की तैयारी
बॉयलरप्लेट — IITM Gwalior
IITM ग्वालियर भारत का एक प्रमुख तकनीकी संस्थान है, जो ऊर्जा, डिज़ाइन इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी और उभरती तकनीकों के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध, प्रशिक्षण एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध है। यह जानकारी संस्थान की मीडिया प्रभारी श्रीमती दीपा सिंह सिसोदिया के द्वारा प्रदान की गयी।

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