एबीवी - आई. आई. आई. टी. एम. ग्वालियर संस्थान में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन कैंडी 2024 का शुभारंभ

ग्वालियर : एबीवी - आई. आई. आई. टी. एम. ग्वालियर संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “ऊर्जा व पर्यावरण के लिए नैनो सामग्री और उपकरणों में प्रगति” पर तृतीय तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन CANDEE 2024 का उदघाटन दिनांक 3 दिसम्बर को संस्थान के प्रशासनिक भवन सभागार में प्रातः 10 बजे से हुआ। संस्थान के निदेशक प्रो. एस एन सिंह के द्वारा प्रो. राजीव आहूजा (निदेशक- आई.आई.टी. रोपड़), प्रो. अप्पाराओ एम. राव (CU, USA) तथा प्रो. अजय कुमार मिश्रा (DUT, South Africa) को श्रीफल, शाल, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर उनका अभिनंदन किया । देश विदेश से पधारे हुए वैज्ञानिकों एवं शीधकर्ताओं का भी निदेशक महोदय के द्वारा स्वागत किया गया। उन्होने नैनोमेटेरियल की उपयोगिता को बताते हुए कहा कि इस तरह के सम्मेलन से सभी प्रतिभागी लाभान्वित होंगे । यह तीसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है,जिसमें दुनिया भर के वैज्ञानिक , शोधकर्ता और विशेषज्ञ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए नैनोमेटेरियल्स और डिवाइसेज में हुए नवीनतम विकास पर अपने वैज्ञानिक अनुभवों को साझा करेंगे । 

कार्यक्रम के मुख्य संयोजक प्रो० अनुराग श्रीवास्तव (डीन पूर्व छात्र एवं बाह्य/ विदेश संबंध) ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उपयोगिता प्रस्तुत की । उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 84 प्रस्तुति हैं,जिनमें 14 मौखिक और 5 थीसिस हैं। 
प्रसिद्ध कम्प्यूटेशनल मैटेरियल साइंटिस्ट प्रो. राजीव आहूजा (निदेशक- आई.आई.टी. रोपड़) ने *कंप्यूटेशनल मटेरियल साइंस एंड इट्स एप्लीकेशन इन द एरिया ऑफ मटेरियल फॉर एनर्जी* पर प्रभावशाली व्याख्यान प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने मुख्यतः सतत् विकास और ऊर्जा अनुप्रयोग के सामग्री अनुसंधान , हाइड्रोजन भंडारण पर प्रकाश डाला | प्रो० आहूजा ने रिसर्च में सहकार्यता के महत्व को भी समझाया | 1150 प्रकाशनों, 105 के एच-इंडेक्स और 51,200 से अधिक साइटेशन्स के साथ, उनका शोध बैटरी और हाइड्रोजन भंडारण सहित ऊर्जा सामग्री पर केंद्रित है। उन्होंने केवीए से वॉलमार्क पुरस्कार और आईआईटी रुड़की के सर्वश्रेष्ठ पूर्व छात्र पुरस्कार (2021) सहित कई पुरस्कार अर्जित किए हैं। प्रो. आहूजा नैनो एनर्जी के एसोसिएट एडिटर और शीर्ष-स्तरीय पत्रिकाओं के सलाहकार बोर्ड के सदस्य के रूप में भी कार्य करते हैं।   
इसके पश्चात प्रो० पिंसूक (C.U थाईलैंड) ने यूनिवर्सल रेसिस्टिविटी फ्रोम इलेक्ट्रॉन फेनोन इंटरेक्शन पर अपने विचार रखे तथा प्रो० राल्फ स्कीचर (U.U, स्वीडन) ने धात्विक कांच संरचना का मापन, हाइड्रोजन प्रेरित संरचना एवं ऊष्मागतिकी की स्थिरता पर प्रकाश डाला । इसी क्रम में आगे प्रो. एस ए हाशमी (डीयू दिल्ली) ने अर्द्ध ठोस अवस्था, रिचार्जेबल सोडियम और मैग्नीशियम बैटरी के विकास के बारे में अपनी थीसिस रखी। तत्पश्चात डॉ आशीष भटनागर ( जे आई आई टी, नोएडा) ने बताया की वह हाइड्रोजन उत्पादन और भंडारण के क्षेत्र में कार्यरत हैं । उन्होंने हाइड्रोजन भण्डारण के तकनीकों जैसे ठोस अवस्था भंडारण पर भी विचार रखे | प्रो॰ प्रवीन सैनी (सी एस आई आर , दिल्ली ) ने ई वेस्टेज, ई वेस्टेज मैनेजमेण्ट, पी सी बी रीसाइकलिंग पर विचार व्यक्त किए | इसी क्रम में प्रो अरिवानंदन (ए यू,चेन्नई ), प्रो अपर्णा चक्रवर्ती (आर आर सी ए टी, इंदौर ) तथा प्रो सुदिप्त रॉय ने अपनी थेसिस रखी | उक्त जानकारी संस्थान की मीडिया प्रभारी श्रीमती दीपा सिंह सीसोदिया के द्वारा दी गयी।

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