दिव्यांग बच्चों ने जुनून व जज्बे के साथ खेल प्रतियोगिताओं में दिखाए अपने हुनर
ग्वालियर। म्यूजिकल चेयररेस, व्हीलचेयर रेस, बैसाखी दौड़, साधारण दौड़, गोला फेंक व मटकी फोड़ इत्यादि प्रतियोगिताओं में दिव्यांग बच्चों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर यह साबित किया कि जुनून व जज्बे के आगे शारीरिक दिव्यांगता कोई मायने नहीं रखती। मौका था विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर यहाँ अटल बिहारी वाजपेयी दिव्यांग खेल परिसर में आयोजित हुई दिव्यांगों की विभिन्न खेल, सांस्कृतिक एवं ललितकला प्रतियोगिताओं का। इन विभिन्न प्रतियोगिताओं में ग्वालियर जिले की 40 संस्थाओं के 700 दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। दिव्यांग खेल प्रतियोगिताओं का उदघाटन पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र बरूआ ने किया।
विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित हुए इस कार्यक्रम में जहाँ दिव्यांग बच्चों ने विभिन्न खेलों में अपनी सामर्थ्य का प्रदर्शन किया, वहीं एक से बढ़कर एक पेंटिंग व रंगोलियां बनाकर अपनी रचनाधर्मिता का परिचय भी दिया। कार्यक्रम में लगभग 150 ई-रिक्शा रैली और दिव्यांग बच्चों का मार्च पास्ट विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। स्पेशल ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व एवं एशिया पेसेफिक खेल प्रतियोगिताओं में रनरअप रहकर सिल्वर मैडल हासिल करने वाली शहर की दिव्यांग खिलाड़ी कु. पूर्णिमा मदान को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। पूर्णिमा मदान एहसास संस्था से जुड़ी हैं। इसके अलावा रोशनी संस्था के छात्र राय सिंह, पढ़ाई में अव्वल रहीं मूकबधिर कल्याण संस्था की छात्रा कु. हर्षिता कुशवाह को पढ़ाई में अव्वल रहने पर और राष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर मैडल हासिल करने वाले रोशनी संस्था के विद्यार्थी आदित्य चौपड़ा को भी विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित हुए इस कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में कृष्णपाल सिंह कुशवाह व सुघर सिंह पवैया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय श्रीमती कृति दीक्षित व राज्य शिक्षा केन्द्र की एपीसी श्रीमती कृष्णा अग्रवाल तथा प्रतियोगिता में भाग लेने आए विभिन्न संस्थाओं के संचालक व प्राचार्य तथा बड़ी संख्या में दिव्यांग प्रतिभागी मौजूद थे।
इन प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन
संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय श्रीमती कृति दीक्षित ने बताया कि विश्व दिव्यांग दिवस पर अटल बिहारी वाजपेयी खेल परिसर में दिव्यांगों के लिये आयु वर्ग के हिसाब से बालक – बालिकाओं की विभिन्न खेल प्रतियोगितायें आयोजित की गईं, जिसमें श्रवण बाधित बच्चों के लिये 100 मीटर की साधारण दौड़, गोला फेंक व रस्सीकूद प्रतियोगिता शामिल है। इसी तरह दृष्टि बाधित बच्चों के लिए म्यूजिकल चेयर दौड़, गोला फेंक व मटकी फोड़ प्रतियोगिता, मानसिक दिव्यांगों के लिये बाची व 50 मीटर की साधारण दौड़ एवं अस्थि बाधित बच्चों के लिये 100 मीटर की ट्राइस्किल रेस, 100 मीटर की बैसाखी रेस व 50 मीटर की व्हील चेयर रेस शामिल है। इसके अलावा फैंसी ड्रेस, मॉडल एवं चार्ट, चित्रकला, नृत्य व गायन, रंगोली इत्यादि प्रतियोगितायें भी हुईं। इस अवसर पर संस्थाओं द्वारा दिव्यांगों के सामर्थ्य पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई।