भारत की सनातन संस्कृति बचाने, बागेश्वर धाम से ओरछा धाम यात्रा का शुभारंभ सुबह 10 बजे होगा
(संतोष गंगेले कर्मयोगी)
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा तीन महत्वपूर्ण घोषित कर दिया गया था कि वह भारत की सनातन संस्कृति प्रश्नोत्तरी धर्म की रक्षा के लिए अपनी जन्म भूमि पावन पवित्र स्थल बागेश्वर धाम ग्राम गड़ा गंज बमीठा से 21 नवंबर 2024 को सुबह 10:00 बजे राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और राष्ट्रगान वंदे मातरम के साथ अपने भक्तों सहयोगियों और सनातन धर्म के संरक्षण देने वाले सभी साथियों के साथ 160 किलोमीटर की पदयात्रा का शुभारंभ पहले दिन कादरी खजुराहो फार्मेसी तक करेंगे ।
यात्रा के उद्देश्यों को लेकर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी द्वारा गति दिवस छतरपुर के प्रतिष्ठित होटल ला कैपिटल में पत्रकारों से संवाद करते हुए उन्होंने बताया कि हमें तलवारों से नहीं विचारों से परिवर्तन लाना है इसीलिए हिंदू एकता पदयात्रा का शुभारंभ की पहली कड़ी 160 किलोमीटर की होगी 9 दिवसीय यात्रा में उनके साथ सनातन धर्म की संरक्षण लक्षण और सनातन धर्म को बचाने वाले हिंदू जातियों में विभिन्न वर्ग को एक करने के लिए यह यात्रा का शुभारंभ हो रहा है इसमें श्री बालाजी के भक्ति वह कोई भी हो सकते हैं किसी जाति वर्ग राजनीतिक दाल का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि हम सब हिंदू हैं और हिंदू सनातन संस्कृति को जगाने के लिए संगठित होकर अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए हमें अब समय पर जागृत होकर संगठित होना आवश्यक हो गया है उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में सैकड़ो वर्षों तक मुगलों ने शासन किया उसके बाद अंग्रेजों ने शासन किया है हमारे महापुरूषों ने अपना बलिदान और खून बहा कर देश को स्वतंत्र कराया लेकिन देश में सनातन संस्कृति को नष्ट करने के लिए देश के अंदर आस्तीन के सांप भारत में रहकर भी भारत के विरोध में सनातन धर्म को समाप्त करने का कुचक रच रहे हैं इसका खुलासा करके रहेंगे और इसको समाप्त करने के लिए हमें सबको जागृत होकर संत होना आवश्यक है
उन्होंने अपने पत्रकार वार्ता में कहा कि हिंदू एकता पदयात्रा हम इतिहास के पन्नों से समेट कर भारत में भगवान श्री राम जी की वनवास यात्रा श्री भरत जी की अयोध्या से चित्रकूट तक पादुका यात्रा श्री हनुमान जी की सीता शोध के लिए लंका यात्रा द्वापर युग में पांडवों की 12 वर्ष की वनवास यात्रा जगतगुरु आदि शंकराचार्य की चारों मठों की स्थापना तीन बार पूरे भारत का परिक्रमण कर अलोकोक्ति एकात्मक यात्रा की है । स्वामी विवेकानंद की शिकागो यात्रा विदेश की यात्रा हुई है महात्मा गांधी की दांडी यात्रा यदि का इतिहास हमें इस बात के लिए जागृत करता है कि हमें अपने अधिकारों के लिए एकजुट एकता और संगठन में रहकर मानव रक्षा करने के लिए हमको यह हिंदू एकता पदयात्रा का शुभारंभ किया जा रहा है ऐसी अनेक यात्रा भारत में आने वाले समय में जगह-जगह पर होगी ।
हिंदू एकता पदयात्रा सामाजिक सरोकार के साथ जात-पात पंत को पेंट छुआछूत आगरा पिछड़ा के भेदभाव को मिटाने और सुदुरण हिंदू समाज को गठन करने के लिए ग्रामीण जन संवाद वाद जन जागृति अभियान उद्देश्य को लेकर हो रहा है उन्होंने सुभाष चंद्र बस की जन्म उत्सव पर पिछले वर्ष कहा था कि तुम मेरा साथ दो हम मिलकर तुम्हें हिंदू राष्ट्र की बना कर देंगे इसी क्रम में 21 नवंबर 2024 से 29 नवंबर 2024 तक यात्रा चलेगी इस तीर्थन में 8 रात्रि विश्राम होंगे प्रतिदिन लगभग 15 से 20 किलोमीटर की यात्रा की जाएगी यात्रा में सहभागी होने के लिए जनमानस के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं और बिना रजिस्ट्रेशन के भी लोग यात्रा में शामिल हो सकते हैं उन्होंने अवसर पर तीन बातों को विशेष ध्यान दिया है कि हिंदू एकता पदयात्रा के दौरान महापुरुषों के रथ यात्रा पर पुष्पमाला वर्षा सकते हैं वह कुछ माल ग्रहण नहीं करेंगे फूल माला नहीं पहनेंगी सावधानी सतर्कता से यात्रा में शामिल होने के लिए सभी से भाइयों से अनुशासन और एकता बनाए रखना सामाजिक सद्भाव बना रहे इसलिए उन्होंने प्रशासन को भी अनेक प्रकार से सचेत किया है कि वह हिंदू एकता पदयात्रा में आज सामाजिक तत्वों पर नजर रखें जिससे कि किसी भी प्रकार की हिंदू एकता पदयात्रा में बढ़ावा उत्पत्ति ना हो सके उन्होंने पदयात्रा में चलने वाली यात्रियों के सुरक्षा भजन भोजन की व्यवस्था की है रात्रि विश्राम जगह स्थान निर्धारित कर दिए गए हैं उन्होंने पदयात्रा भाग लेने वाले यात्रियों से कहा कि वह अपने साथ थाली लोटा गिलास और कंबल लेकर चलें संपूर्ण व्यवस्था पदयात्रा में धाम के भक्तगण करते रहेंगे
भारत राष्ट्र के अनेक प्रांतो में हिंदुओं पर होने वाली अत्याचार अन्याय बेटियों के साथ बलात्कार संपत्तियों पर कब्जा करना भारत में रहने वाले कुछ जाति वर्ग के लोगों द्वारा अत्याचार किया जा रहा है इसको जड़ से मिटाने के लिए हमें अपने वेद पुराण शास्त्रों के माध्यम से मानवता के साथ अपना अभियान जारी रखना है हमारे देवी देवता भले ही हमें शास्त्रों के साथ शास्त्र शिक्षा भी देते हैं लेकिन अभी शास्त्रों की आवश्यकता है शस्त्र की आवश्यकता नहीं है लेकिन हमें अपने घर परिवार की सुरक्षा रक्षा के लिए कानूनी तौर पर जिन हथियारों को हम रख सकते हैं उन्हें रखना चाहिए जो हथियार कानून के वृद्ध हैं उनकी अनुज्ञप्ति लाइसेंस लेकर अपने घरों में हथियार रखने की भी आवश्यकता है
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने अपनी अल्पायु में अपनी जन्मभूमि से भारत भूमि और विदेश की भूमि में जिस प्रकार से धर्म के लग जागी है वह एक अद्भुत और आशाजनक साबित होती है उन्होंने कहा कि भारत का हिंदू बहुत ही सहनशील साहसी और मानवता के साथ जीवन जीने वाला व्यक्ति है लेकिन भारत के अंदर मुगल शासन के वंशज सनातन धर्म को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से समाप्त करना चाहते हैं जिसे भारत की जनता किसी भी हाथ में स्वीकार नहीं करेगी और उसका मुंह तोड़ जवाब देने के लिए पूरे भारत में हिंदू एकता सनातन पदयात्राएं चलती रहेगी ।
उन्होंने चेतावनी भरी वाणी से कहा है कि एक सीमा तक हम लोग सनातन संस्कृति हिंदू सहन करने वाले व्यक्ति हैं लेकिन हम तलवारों और हथियारों से डरने वाले नहीं हैं ।पहले हम बोलते नहीं है और यदि किसी ने छेड़ दिया तो हम छोड़ते नहीं हैं हमारे भारत का इतिहास है । हम विचारों की क्रांति के माध्यम से भारत में एकता अखंडता काम करते हुए सनातन संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए संकल्पित हैं । भारत की जनता यदि घरों में सोई हुई है और यदि इस बात पर विचार कर रही है कि हम सुरक्षित हैं तो वह उनकी भूल है हमारे देश के नौ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक होने जा रहा है अल्पमत में होने जा रहा है भारत में सनातन धर्म ताली बजाने भजन संगीत कीर्तन कथा व्यास से संदेश देने से अब बचाने वाला नहीं है इसके लिए हर हिंदू को संकल्प और अपने दृढ़ विश्वास के साथ सांठित होकर भारत माता के चरणों में समर्पित होकर कार्य करना होगा ।
भारत में सभी को गले से लगाकर हमारी संस्कृति रखी है और हम भी इसी तरह से रहना चाहते हैं लेकिन जो हमारे पड़ोसी देशों के साथ मिलकर भारत में आतंकवाद गतिविधियों के माध्यम से नरसंहार सैनिकों पर हमला पुलिस कर्मचारियों पर हमला लवजिहाज जैसी घटनाओं को उन्होंने भारत की भूमि को अनाधिकृत रूप से धर्म के नाम पर हथियाने कब्जा करने का भी पुरजोर विरोध किया है । बुंदेलखंड के समाजसेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी नौगांव बुंदेलखंड द्वारा बागेश्वर धाम से श्री ओरछा धाम तक मोटरसाइकिल से दो दिवसीय यात्रा पूरी कर ली गई है सनातन संस्कृति के संरक्षण करने वाले सैकड़ो लोगों से संवाद किया जिन्होंने इस यात्रा को हिंदू राष्ट्र की आधारशिलाबताया है
नौ दिवसीय यात्रा पहले दिन बागेश्वर धाम से शुरू होकर कादरी फार्मेसी कॉलेज रात्रि विश्राम करेगी दूसरे दिन गतिव्र अंडर ब्रिज से होकर पेप्टिक टाउन छतरपुर 22 नवंबर को विश्राम करेगी तीसरे दिन मऊ सानिया महाराजा छत्रसाल स्मारक पर दोपहर भोजन के बाद ग्रामीण जनों से संवाद नौगांव नगर का भ्रमण रात्रि विश्राम शांति काली नौगांव में होगा 24 तारीख को सुबह चलकर बड़ा गांव टोल प्लाजा पर दोपहर का भजन देवी गेस्ट हाउस उत्तर प्रदेश मऊरानीपुर सीमा में विश्राम होगा पांचवें दिन भदरवारा मऊरानीपुर में विश्राम ग्रामोदय मऊरानीपुर रात्रि विश्राम श्रीराम कॉलेज बांग्ला 17 किलोमीटर की यात्रा के बाद श्रीराम पैलेस और शारदा महाविद्यालय घुघसी रात्रि विश्राम होगा 27 नवंबर 2024 को रेस्ट एरिया निवाड़ी रात्रि विश्राम रहेगा और 28 तारीख को बरुआसागर से ओरछा तिगेला होटल मैदान पर विश्राम, सुबह दिनांक 29 तारीख को 8 किलोमीटर की यात्रा चलकर ओरछा धाम पहुंचकर ध्वज फहराकर सनातन धर्म का ध्वज फहराया जाएगा दर्शन के बाद सभा संबोधित होगी जिसमें देश के अनेक मठाधीश संत महात्मा ऋषि मुनि कथा व्यास राजनेता व्यापारी समाजसेवी उद्योगपति भी शामिल होंगे । इस यात्रा के उद्देश्य और निष्कर्ष के लिए जनता और मीडिया निर्णायक होगी ।