युवा पीढ़ी भारत की समृद्ध विरासत को समझने का प्रयास करे: संभाग आयुक्त
ग्वालियर । भारत की पुरातात्विक धरोहर काफी समृद्ध है। युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत, संस्कृति, वैज्ञानिक व महापुरुषों के बारे में जानकारी होना चाहिए। इसकी जानकारी होने से ज्ञानवर्धन के साथ-साथ आत्मसम्मान भी बढ़ता है। प्राचीन धरोहरों के सदुपयोग के साथ-साथ उसे सहेजने की जिम्मेदारी भी लेने की जरूरत है। इस आशय के विचार संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने राज्य संरक्षित स्मारक मोतीमहल के दरबार हॉल में “हमारी धरोहर – संस्कृति एवं सभ्यता की पहचान” विषय पर आयोजित हुई व्याख्यान माला के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही।
विश्व धरोहर सप्ताह के तहत बुधवार को मोतीमहल में इस व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। संभाग आयुक्त ने दीप प्रज्ज्वलन कर व्याख्यान माला का शुभारंभ किया। व्याख्यान माला में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के लगभग 300 विद्यार्थियों ने सहभागिता की। इस अवसर पर विद्वान वक्ताओं ने “हमारी धरोहर – संस्कृति एवं सभ्यता की पहचान” विषय पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिए। व्याख्यान माला में उप संचालक पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय उत्तरी क्षेत्र पीसी महोबिया, सेवानिवृत्त प्राध्यापक जीवाजी विश्वविद्यालय डॉ. एसके द्विवेदी, माधव महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज अवस्थी, पीजी कॉलेज दतिया के प्रो. डॉ. योगेश यादव, प्राचार्य मिसहिल स्कूल डॉ. एमपी सिंह, प्राचार्य महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज आफ्ताब सिद्दीकी तथा कलाविद् मधुसूदन शर्मा मौजूद थे।