ग्वालियर। ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर अमन वैष्णव ने निगम में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों की जमावट पर विशेष ध्यान दिया है। इसमें व्यक्ति विशेष की जगह उसकी कार्यशैली पर कमिश्नर का जोर है। सूत्र बताते है कि ग्वालियर नगर निगम की कमान संभालने के बाद कमिश्नर वैष्णव ने सबसे पहले निगम के अमले पर ही कसावट की है क्योंकि आमतौर पर निगम में काम न करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की चलते कमिश्नर और शासन की छवि धूमिल होती है। ये फीडबैक ग्वालियर तबादले के दौरान ही अमन वैष्णव को मिल चुका था। जिसके बाद आते ही उन्होने निगम में निगम में सर्जरी शुरू की, जो लगातार जारी है।
कमिश्नर के इस कदम के चलते उन अधिकारियों और कर्मचारियों को काफी परेशानी हो रही है जो अब तक केवल बैठे बैठे कुर्सी तोड़ रहे थे और अपने राजनीतिक संबंधों के चलते एक ही जगह पर सालों से टिके हुए थे लेकिन अब कुर्सी छोड़कर काम करना पड़ रहा है। वहीं ऐसा अमला काफी खुश है जो काम को तवज्जो देता है। कमिश्नर के इस कदम से अब निगम के उन लोगों में भी सन्नाटा है जो कमिश्नर को हलके में ले रहे थे।
अमन वैष्णव को ग्वालियर में कार्यभार संभाले हुए ज्यादा समय नही हुआ है वहीं सफाई, गंदे पेयजल, स्वच्छ सर्वेक्षण और बकाया वसूली जैसे बड़े टास्क भी उनके सामने हैं लेकिन ये भी सही है निगम जैसे बड़े विभाग में अमले पर सख्ती के बिना टारगेट पूरा करना भी संभव नही है। ऐसे में मानव संसांधनों के सदुपयोग का फंडा कमिश्नर निगम में अगर सही तरीके से लागू कर पाते है तो ग्वालियर नगर निगम की छवि आम जनता और शासन के सामने बेहतर बन पाएगी।
हांलाकि कमिश्नर के आने के बाद ग्वालियर में सड़कों पर सफाई दिखाई देने लगी है। अमन वैष्णव सुबह सात बजे ही घर छोड़कर निगम के अमले की मुस्तैदी जांचने और जनता से बातचीत के लिए निकल जाते है। इसका असर भी दिखाई देने लगा है। कमिश्नर की कार्यशैली देखकर उम्मीद की जा सकती है कि ग्वालियर शहर निगम की तरफ से जिन समस्याओं से दो चार था उनसे निजात मिलने की दिशा में कदम उठने शुरू हो गए है।
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