डीआरडीई ग्वालियर के महाराजपुरा परिसर में नवनिर्मित होने वाली प्रयोगशाला का भूमिपूजन
डॉ. समीर वी. कामत, अध्यक्ष, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) एवं सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग आज अपने अल्प प्रवास पर ग्वालियर आये। वे विशेष रूप से रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना (डी.आर.डी.ई.) ग्वालियर के महाराजपुरा डांग परिसर में नवनिर्मित होने वाली बी.एस.एल.-4 (बायो सेफ्टी लेवल -4) सुविधा के भूमिपूजन एवं जैव संसूचक, जांच एवं मूल्यांकन सुविधा (Bio-detector, Test & Evaluation Facility) के उद्घाटन हेतु पधारे थे। भूमिपूजन एवं उद्घाटन के उपरांत डी.आर.डी.ई. के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए डॉ. कामत ने कहा कि हम तेजी से बदलती हुई दुनिया में रह रहे हैं, जिसमें रासायनिक एवं जैविक खतरे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री जी ने देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा है। अत: रासायनिक एवं जैविक रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना हमारा लक्ष्य है। डी.आर.डी.ई. ग्वालियर के महाराजपुरा डांग परिसर में तैयार होने वाली यह प्रयोगशाला डी.आर.डी.ई. ग्वालियर को देश ही नहीं वरन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष प्रयोगशाला बनाने की क्षमता रखती है। वैश्विक पटल पर सर्वश्रेष्ठ प्रयोगशाला के रूप में स्थापित होने के लिए डी.आर.डी.ई. को शिक्षा जगत और उद्योग ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता पर ध्यान केन्द्रित करना होगा।
इस अवसर पर डी.आर.डी.ई. के निदेशक डॉ. मनमोहन परीडा ने विधिवत रूप से डॉ. समीर वी. कामत, डॉ. यू. के. सिंह, डॉ. मनु कोरुला एवं कर्नल विश्वजीत चौबे, निदेशक सिविल वर्क एवं संपदा का स्वागत किया। डी.आर.डी.ओ. मुख्यालय से पधारे डॉ. यू. के. सिंह, महानिदेशक (जैवविज्ञान), डॉ. मनु कोरुला, महानिदेशक (संसाधन एवं प्रबंधन) एवं कर्नल विश्वजीत चौबे, निदेशक सिविल वर्क एवं संपदा ने भी वैज्ञानिक, अधिकारियों एवं कार्मिकों को संबोधित किया।
इसके पूर्व डॉ. कामत ने बी.एस.एल.-4 प्रयोगशाला का भूमिपूजन एवं जैव संसूचक, जांच एवं मूल्यांकन सुविधा (Bio-detector, Test & Evaluation Facility) का उद्घाटन किया। उल्लेखनीय है कि डी.आर.डी.ई. ग्वालियर के महाराजपुरा डांग परिसर में नवनिर्मित होने वाली बी.एस.एल.-4 सुविधा अपनी तरह की देश की दूसरी ऐसी प्रयोगशाला होगी, जिसमें रक्षा महत्त्व के जीवाणुओं और विषाणुओं पर अनुसंधान कार्य किया जा सकेगा।
डॉ. कामत ने नवनिर्मित प्रयोगशाला का भ्रमण कर वहां उपलब्ध विश्वस्तरीय सुविधाओं का जायजा लिया। इस अवसर पर डी.आर.डी.ई. के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुबोध कुमार, डॉ. एस. पोनमारिअप्पन के अलावा डी.आर.डी.ओ. मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी एवं डी.आर.डी.ई. के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं समस्त कार्मिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मुकेश मेघवंशी ने किया एवं धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. विकास वी. ठाकरे ने दिया।