आरएसएस के प्रशिक्षण वर्ग में सामाजिक समरसता पर हुआ मंथन
ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ग्वालियर में चल रहे विविध संगठन प्रचारक प्रशिक्षण वर्ग का रविवार को चैथा दिन था। प्रशिक्षण वर्ग में रविवार को युवा शक्ति और घर-घर तक पहुंचने के लिए हर घर दस्तक अभियान पर चर्चा हुई। जिसमें पदाधिकारियों ने घर-घर पहुंचकर सामाजिक समरसता का माहौल बनाने की बात कही।
रविवार को आरएसएस के विविध संगठन प्रचारक प्रशिक्षण वर्ग के सत्र की शुरुआत भारत माता की पूजा के साथ हुई। वर्ग में वरिष्ठ संघ नेताओं ने सभी प्रचारकों से युवाओं को ज्यादा से ज्यादा संघ जोड़ने की बात कही और सभी प्रचारकों को युवा शक्ति को ज्यादा से ज्यादा अपने विचारों से परिचित कराने और उनसे संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। संघ पदाधिकारियों ने वर्ग में जानकारी दी कि 2012 में जॉइन आरएसएस (वेबसाइट के जरिए) शुरू किया था। इसके तहत ऑनलाइन हर साल एक से सवा लाख युवा संघ के साथ अलग-अलग गतिविधियों में जुड़ रहे हैं। इस साल भी जून के अंत तक 66 हजार 529 लोगों ने संपर्क कर संघ से जुड़ने की इच्छा जताई थी।
प्रशिक्षण वर्ग में सबसे बड़ा मुद्दा हिंदू समाज में सामाजिक समरसता का गरमाया रहा। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की मौजूदगी में कार्यकारी मंडल के पदाधिकारियों ने संगठन के सभी 11 क्षेत्र और 46 प्रांत प्रचारकों को संघ के एजेंडे (पंच परिवर्तनों के द्वारा हिंदू समाज में सामाजिक समरसता लाने के प्रयास) को निचले स्तर तक ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी। साथ ही सभी पदाधिकारियों से संघ का संदेश घर-घर पहुंचाने का आह्वान किया। इस दौरान समाज के अलग-अलग वर्गों के बीच संघ के कार्यों और आगामी वर्षों के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि केदारपुर धाम में दिवाली (31 अक्टूबर) से 4 नवंबर तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रशिक्षण वर्ग चल रहा है। इसमें आरएसएस के 31 संगठनों के 554 प्रचारक शामिल हो रहे हैं। वर्ग में वही कार्यकर्ता हिस्सा ले रहे हैं, जो सामाजिक जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय रहते हैं।