भारत इटली, अफ्रीका, ग्रीस, इसराइल एवं फ्रांस आदि देशों में मिलते हैं आध्यात्मिक गुरुओं एवं भगवान के दर्शन : पंडित सुधीर शर्मा
21 जून से चल रही योग एवं गुरु पूर्णिमा यात्रा में साउथ इटली के ला क्विला मैं स्थित कई चर्चो में आध्यत्मिक,बौद्धिक एवं योग कार्यशाला का आयोजन मतंगेश्वर सेवा समिति एवं दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर के संस्थापक पंडित सुधीर शर्मा के द्वारा किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को भारतीय संस्कृति से अवगत कराना है जिसमें आध्यत्मिक, यौगिक , बौद्धिक एवं भारतीय सांस्कृतिक की शिक्षा दी जाती है इसी तारतम्य में मुख्य कार्यशाला का आयोजन सांता दी मारिया बांगो चर्च में किया गया जिसमें भारत एवं कई देशों के आध्यात्मिक गुरुओं ने भाग लिया इस कार्यशाला में योग एवं अध्यात्म, प्राकृतिक चिकित्सा के साथ-साथ विश्व में शक्तिशाली आध्यात्मिक गुरुओं के बारे में चर्चा हुई जिसमें मुख्य चर्चा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ( बागेश्वर धाम) के बारे में हुई लोगों के मन में शास्त्री जी के बारे में जानने की जिज्ञासा थी जिस कारण उपस्थित लोगों ने पंडित सुधीर शर्मा जी से आग्रह किया कि उनके बारे में विस्तार से समझाएं श्री शर्मा ने बताया कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार या महाराज के नाम से भी जाना जाता है, धाम में शास्त्री जी एक दिव्य दरबार का आयोजन करते हैं जहाँ ऐसा माना जाता है कि वह अपनी दैवीय शक्तियों से लोगों की सभी शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक पीड़ाओं को ठीक करते हैं जो उन्हें दादा गुरु जी से मिली थी। उन्होंने कोई शिक्षा नहीं ली है उनके पास जो भी शक्तियां हैं उनके दादाजी के आशीर्वाद से ही हैं जहां कोई दवा काम नहीं करती है वहां शास्त्री जी के द्वारा दी गई भभूति काम करती है | चर्च के फादर डोन तदेव ने चर्च के बारे में बताया कि 2009 आया में भीषण भूकंप भी इस चर्च का कुछ ना बिगाड़ पाया जबकि अनेक मकान एवं ईमारतें इस भूकंप से धराशाही हो गई थी, उस समय भारत ने बहुत आर्थिक मदद की थी, भूकंप के बाद यहाँ पर G 20 का आयोजन किया गया जिसमे कई देशों ने भाग लिया उस समय भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी अस्थाई टेंट में रुके और उसी में भोजन बनाया करते थे, फादर ने अफ्रीका देश के बारे में चर्चा करते हुए बताया भारत एवं अफ्रीका में देखा जाए तो कई समानताएं हैं जैसे कि दोनों देशों में पेड़ पौधों को पूजना, खनिज पदार्थो का बहुतायत मात्रा में पाया जाना, अफ्रीका में भारत की ही तरह अनेक मान्यताएं एवं बड़े बड़े आध्यत्मिक गुरु हैं |
इस कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय, ला क्विला विश्वविद्यालय, मां फातिमा कियारा, सरेन दीप्ती NGO, अलेक्जान्द्रो, मार्टिना, आदि का विशेष सहयोग रहा . इसके बाद गुरु पूर्णिमा यात्रा दक्षिणी इटली के पूलिया, सिसली राज्य में होगी.