एक-दूसरे को फूल-मालाएँ पहनाकर दूर किए गिले-शिकवे
- “समाधान आपके द्वार” ने हल कराया देवीसिंह व भोलाराम का वर्षों पुराना विवाद
ग्वालियर | रास्ते को लेकर देवीसिंह व भोलाराम के बीच लम्बे अरसे से विवाद चला आ रहा था। यहाँ तक कि एक दूसरे के बीच बोल-चाल भी बंद थी। नौबत मुकदमेबाजी तक पहुँच गई। “समाधान आपके द्वार” योजना के तहत लगे शिविर में इन दोनों का यह विवाद सौहाद्रपूर्ण वातावरण में हल हो गया।
ग्वालियर की भितरवार तहसील के अंतर्गत ग्राम जौरा निवासी देवी सिंह जाटव और भोलाराम शर्मा के बीच रास्ते को लेकर अकसर मुँहवाद होता रहता था। देवीसिंह का कहना था कि भोलाराम ने वर्षों पुराने रास्ते को कूड़ा-करकट डालकर बंद कर दिया है। विवाद इतना बढ़ा कि एक दूसरे के परिवार के बीच बातचीत भी बंद हो गई। मामला न्यायालय की दहलीज पर पहुँचने जा रहा था। इसी बीच शनिवार 24 फरवरी को “समाधान आपके द्वार” के तहत ग्राम जौरा में भी पाँचवे चरण का शिविर लगाया गया। भितरवार के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी श्री डी एन सिंह को जब इस विवाद का पता चला तो उन्होंने दोनों पक्षों को बुलाकर विवाद बढ़ने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। अनुविभागीय राजस्व अधिकारी द्वारा दी गई समझाइश ने दोनों पक्षों पर गहरा असर किया और वे समझौते को राजी हो गए। शिविर में देवी सिंह व भोलाराम ने न केवल समझौता किया बल्कि गले मिलकर एक दूसरे ने आपसी गिले-शिकवे दूर किए। साथ ही एक दूसरे को फूल-मालाएँ भी पहनाईं।
खेत की मेड़ को लेकर अब कभी नहीं झगडेंगे सत्यप्रकाश व हल्लूराम
खेत की मेड़ के विवाद ने भितरवार निवासी सत्यप्रकाश और हल्लूराम के दिलों के बीच लकीर खींच दी थी। आए दिन इस मेड़ को लेकर आए दिन होने वाली आपसी बहस इस विवाद को बढ़ाए जा रही थी। “समाधान आपके द्वार” ने इस विवाद को और आगे बढ़ने से न केवल रोका बल्कि सदा के लिये हल कर दिया। “समाधान आपके द्वार” के तहत गाँव में शिविर लगाने पहुँचे राजस्व विभाग के मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों ने दोनों पक्षों को बुलाकर समझाया तो वे समझौते के लिये तैयार हो गए। मौके पर ही पंचनामा बनाकर दोनों पक्षों ने समझौता किया और कसम खाई कि आगे से हम कोई झगड़ा नहीं करेंगे। हमारा विवाद अब हमेशा के लिये निपट गया है। इस विवाद के निराकरण में राजस्व निरीक्षक व पटवारी ने महती भूमिका निभाई।