वर्मी कम्पोस्टिंग एवं जैविक खेती पर आयोजित हुई कार्यशाला
ग्वालियर | श्रीमंत माधवराव सिंधिया शासकीय विज्ञान महाविद्यालय की इको क्लब इकाई द्वारा पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत 'सतत जीवन शैली में वर्मी कम्पोस्टिग एवं जैविक खेती की भूमिका' विषय पर कार्यशाला का आयोजन राजमाता कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र में किया ग़या. महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने इस कार्यशाला में भाग लिया एवं कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण किया. कृषि केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ शैलेन्द्र कुशवाहा ने जैविक खेती के विभिन्न पहलूओं की जानकारी देते हुए बताया कि रासायनिक उर्वरकों एवं जैविक उपायों का संतुलन ही पर्यावरण व मृदा संरक्षण का आधार है. वैज्ञानिक डॉ एससी श्रीवास्तव ने जैविक कृषि में उपयोगी बीजामृत व जीवामृत बनाने की तकनीक एवं उपयोगिता के बारे में बताया. शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के इको क्लब प्रभारी डॉ आर के खरे ने कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए सतत जीवन शैली के महत्व के बारे में बताया. छात्रों ने कृषि केंद्र का भ्रमण कर वर्मी कम्पोस्टिग यूनिट, जैविक खेती में प्रयुक्त उपकरणों आदि के उपयोग को देखा. कार्यशाला के आयोजन के लिए महाविद्यालय प्राचार्य डॉ बीपीएस जादौन ने सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किये. अवसर पर वनस्पति शास्त्र विषय के प्राध्यापक डॉ विशाल कदम, डॉ गरिमा शर्मा, डॉ सुनील कुमार के साथ 50 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे