APAAR ID को लेकर बच्चे और अविभावक परेशान, प्रशासन बना रहा दबाब

APAAR ID के लिए बच्चों पर स्कूलों का जबरदस्त दबाब, सहमति पत्र देने के लिए अभिभावकों पर भी प्रेशर
जिला और संभागीय शिक्षा अधिकारी नहीं उठाते फोन, अभिभावक गफलत में


ग्वालियर।ग्वालियर में स्कूली बच्चों की अपार आईडी बनाने की मुहिम चल रही है। अपार आईडी के लिए अभिभावकों को एक सहमति पत्र दिया जा रहा है। जिसमें अघोषित आवश्यक सहमति देकर स्कूलों में जमा करना है। जो इस पर सहमति नही दे रहे है। उन बच्चों के अभिभावकों और बच्चों पर जबरदस्त दबाब बनाया जा रहा है। हांलाकि स्कूलों के प्रबंधन के मुताबिक अपार आईडी के लिए उन पर शिक्षा विभाग का दबाब है।

दरअसल अपार आईडी कार्ड, छात्रों के लिए एक विशिष्ट पहचान पत्र है. इसका फ़ुल फ़ॉर्म है, ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री. यह भारत सरकार की एक योजना है, जिसका मकसद सभी छात्रों के लिए एकीकृत पहचान प्रणाली बनाना है.

यह एक 12 अंकों का यूनिक पहचान नंबर होता है.
यह कार्ड, छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड, गतिविधियों, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को एक जगह संग्रहीत करता है.
यह कार्ड, छात्रों के स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक, और बाद में रोज़गार पाने तक के सभी रिकॉर्ड को एक ही जगह रखने में मदद करता है.
यह कार्ड, छात्रों की शैक्षणिक प्रगति को ट्रैक करने और उनकी लर्निंग की जर्नी को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद करता है.
इसे ‘वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी कार्ड’ के नाम से भी जाना जाता है.
इस कार्ड में नामांकन की ज़िम्मेदारी स्कूलों को दी जाती है.
इस कार्ड को बनवाने के लिए, माता-पिता या अभिभावकों की सहमति ज़रूरी होती है.
माता-पिता या अभिभावक, जब चाहें, इस योजना से बच्चों का डेटा हटा सकते हैं।
अपार आईडी से संबंधित सभी जानकारियों में बताया जा रहा है कि अपार आईडी बनवाना पूरी तरह से स्वैच्छिक है यानि इसे बनवाना और न बनवाना स्कूली बच्चों के अभिभावकों पर निर्भर है। अभिभावकों को जो सहमति पत्र स्कूल से दिया जा रहा है उसमें भी उल्लेख है कि सहमति कभी भी वापस ली जा सकती है। यानि बिना सहमति के अपार आईडी नहीं बनाई जा सकती, इसी सहमति के लिए स्कूलों की तरफ से दबाब बनाया जा रहा है।अब सवाल ये भी है कि अगर ये स्वैच्छिक है तो फिर सहमति के लिए दबाब क्यों बनाया जा रहा है।

दरअसल इस सहमति पत्र में ये भी लिखा है कि अपार आईडी के माध्यम से बच्चों की निजी जानकारी और उनके अभिभावकों का आधार कार्ड केवल शैक्षिक गतिविधियों के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है वहीं दूसरी जगह ये भी लिखा है कि इसे अन्य शैक्षणिक संस्थाओं और भर्ती ऐजेंसियों से भी साझा किया जा सकता है।

हांलाकि एक जगह ये भी लिखा है कि अभिभावक अपनी सहमति जिस समय वापस लेंगें, उसके बाद ये जानकारियां साझा नहीं की जाएँगी, लेकिन उस समय तक वो जितनी जगह साझा हो जाएँगीं, उन्हे वापस नही लिया जा सकता है। इस तरह के भ्रमपूर्ण सहमति पत्र को लेकर अभिभावक भी परेशान हैं।

अपार आईडी को लेकर दुविधापूर्ण सवालों का जबाब न तो स्कूल ही दे पा रहे है और न ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वार कोई स्थिति साफ की जा रही है। इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार और संभागीय शिक्षा अधिकारी दीपक पांडे से कई बार फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होने फोन नहीं उठाया।


posted by Admin
241

Advertisement

sandhyadesh
sandhyadesh
sandhyadesh
sandhyadesh
sandhyadesh
Get In Touch

Padav, Dafrin Sarai, Gwalior (M.P.)

00000-00000

sandhyadesh@gmail.com

Follow Us

© Sandhyadesh. All Rights Reserved. Developed by Ankit Singhal

!-- Google Analytics snippet added by Site Kit -->