जागरूकता ही सायबर अपराधों से बचाव है : पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह


- सायबर अपराधों से लड़ने के लिए सायबर कमाण्डो हो रहे तैयार 
- सायबर अपराध एवं इससे जुड़ी चुनौतियों पर बैठक आयोजित
ग्वालियर| सायबर अपराध को ट्रेस करने के लिए पुलिस को कई स्टेक होल्डर पर निर्भर रहना पड़ता है इसलिए इस क्राइम को ट्रेस करने एवं अपराधियों को दण्डित करना कठिन होता है| सायबर अपराध से बचने का सबसे बेहतर एवं महत्वपूर्ण उपाय जागरूकता है| हम जागरूक होंगे तो सायबर अपराधियों के शिकंजे में नहीं आएंगे और हमें आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा| आपने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कानून में कोई प्रावधान नहीं है| कोई भी एजेंसी चाहे वह सीबीआई, ईडी, एनआईए, कस्टम आदि हो तो वह जिला पुलिस एवं थाने के माध्यम ही आप तक पहुंचेगी| इसलिए डिजिटल अरेस्ट के झांसे में शहर के नागरिक न आयें| किसी अनचाहे नंबर से आये वीडियो कॉल या लिंक को ओपन न करें| यदि आपको किसी अनचाहे नंबर से कोई वीडियो कॉल आता है और आपको वह संदिग्ध लगता है तो उसे तुरंत कट करें और उस नंबर को ब्ल्ाॉक करने के बाद नेशनल सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत जरूर दर्ज कराएं| सायबर अपराध घटित हुआ हो या न हुआ हो शिकायत यदि आप करेंगे तो इससे उस अपराध की इंटेसिटी जांच एजेंसी को पता चलेगी| यह बात पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने चेम्बर भवन में सायबर अपराध एवं इससे जुड़ी चुनौतियों पर आयोजित बैठक में कही| 
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इंटरनेट का 99 प्रतिशत डार्क वेब में उपयोग हो रहा है| सायबर अपराधी द्बारा जिन नंबर्स से कॉल किया जाता है, उनको ट्रेस करना आसान नहीं होता है क्योंकि वह फेक नंबर्स होते हैं और डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में जो इंटरनेट यूज किया जाता है उनका सर्वर किसी अन्य देश का होता है| डिजिटल माध्यमों का उपयोग तेजी से बढ रहा है लेकिन डाटा की सुरक्षा के लिए उतना कार्य नहीं हो पाया है| सरकार द्बारा इस दिशा में अब तेजी से कार्य किया जा रहा है और डाटा की सुरक्षा के लिए सायबर कमाण्डो तैयार किये जा रहे हैं| पुलिस अधीक्षक ने कहा कि निम्नलिखित सावधानियां अपनाकर आप सायबर क्राइम से सुरक्षित रह सकते हैं| सायबर अपराध की शिकायत आप 1930 नंबर के साथ ही डायल 100 पर भी करें| शीघ्र ही जिला पुलिस द्बारा सायबर हेल्प नंबर भी जारी किया जाएगा| 
बैठक में पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से एएसपी अपराध आयुष गुप्ता द्बारा सायबर क्राइम की घटनाओं के वीडियो एवं उससे बचने के उपाय विस्तार से बताये| आपने फज फेस बुक एकाउंट से बनाकर ठगी, सेक्सटार्शन, शेयर मार्केट इंवेस्टमेंट फ्रॉड, ऑनलाइन टॉस्क जॉब फ्रॉड, यूपीआई फ्रॉड, एटीएम/क्रेडिट कार्ड से रिलेटेड फ्रॉड आदि पर फोकस जानकारी प्रदान की|  इससे पूर्व स्वागत उद्बोधन में अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के साथ ही सायबर अपराध की अन्य घटनाओं से बचने के लिए ही आज यह जागरूकता बैठक आयोजित की गई है|   पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह को स्मृति चिन्ह उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल द्बारा प्रदान किया गया|  बैठक का संचालन मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल द्बारा तथा आभार सायबर क्राइम जागरूकता उपसमिति के संयोजक जगदीश मित्तल द्बारा किया गया| कार्यक्रम में संयुक्त अध्यक्ष हेमन्त गुप्ता, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल, पूर्व उपाध्यक्ष-राधाकिशन खेतान, पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-ललित गुप्ता, पूर्व कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल सहित काफी संख्या में कार्यकारिणी समिति सदस्यगण एवं चेम्बर सदस्यगण उपस्थित रहे|

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