ए. बी. वी - आई आई आई टी एम में तीन दिवसीय अंतेर्राष्ट्रीय अधिवेशन CANDEE 2024 का समापन
*ग्वालियर: ए. बी. वी - आई आई आई टी एम में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ऊर्जा व पर्यावरण के लिए नैनो सामग्री और उपकरणों में प्रगति पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन CANDEE 2024 का दिनांक 5 दिसंबर को सफलता पूर्वक समापन हो गया। यह आयोजन संस्थान के निदेशक प्रो. एस एन सिंह के सफल नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। प्रो० अनुराग श्रीवास्तव (डीन पूर्व छात्र एवं बाह्य/ विदेश संबंध) के मार्गदर्शन में आयोजित यह सम्मेलन बहुत ही लाभदायी एवं शोध की दृष्टि से सफल सिद्ध हुआ। प्रो० अनुराग ने बताया कि मुख्य रूप से इस अधिवेशन CANDEE का उद्धेश्य वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी समुदाय को एकत्र करना था, ताकि वे सामग्री संश्लेषण और लक्षण निर्धारण तकनीकों में प्रगति, इसके विभिन्न आधुनिक उद्योगों में अनुप्रयोगों, विशेष रूप से रिन्यूएबल ऊर्जा और स्वच्छ पर्यावरण के लिए अपने अनुभवों को साझा सके। प्रतिभागियों को ऊर्जा और पर्यावरण क्षेत्रों में सामग्री संश्लेषण और लक्षण निर्धारण उपकरणों और तकनीकों पर हाल की प्रवृत्तियों पर भारत और विदेशों के वैज्ञानिकों से बातचीत करने का अवसर मिला। शोध क्षेत्रों को वैज्ञानिक समुदाय के लिए खुला रखा गया था ताकि सामग्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अंतरविभागीय शोध और विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
संबंधित क्षेत्रों के प्रमुख वैज्ञानिक ने अपने अनुभव और ज्ञान को युवा प्रतिभागियों के साथ साझा किया, जिससे यह अपेक्षित है कि उन्नत सामग्री पर शोध गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति के कारण, स्मार्ट सामग्री के संश्लेषण, लक्षण निर्धारण और मॉडलिंग के लिए उच्च तकनीक उपकरण विकसित किए गए हैं, जो नियंत्रित व्यवहार के साथ लंबाई पैमाने पर काम करते हैं। यह क्षमता खोज प्रक्रिया के लिए क्रांतिकारी है और इसके परिणामस्वरूप एक महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त हुआ है। क्षमता में सबसे उल्लेखनीय वृद्धि उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग में देखी गई है। इस सुधार की दर में कोई कमी नहीं दिखाई दी है, जिससे कंप्यूटर सिमुलेशन और मॉडल्स का विकास हुआ है जिनकी सटीकता अभूतपूर्व है। 2009 से 2023 तक हमारे समूह द्वारा आयोजित कार्यशालाओं और सम्मेलनों में प्रतिभागियों का अभूतपूर्व प्रतिक्रिया हमें इस सम्मेलन का आयोजन करने के लिए प्रेरित करता है, जो नैनोमैटेरियल्स और ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रौद्योगिकियों पर आधारित है। यह सम्मेलन इस दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण रहा कि इसमें युवा रसायनज्ञों, भौतिकविदों, जीवविज्ञानी और इंजीनियर्स द्वारा भाग लिया गया, जिससे यह वास्तव में अंतःविषयक बन पाया, न केवल नए तरीकों के बारे में जानने के लिए, बल्कि उन्होने अपने शोध निष्कर्षों को भी साझा किया, जो नैनो पैमाने पर सामग्री और उपकरणों की तैयारी, विश्लेषण और उनकी चिकित्सा, ऑटोमोटिव, रासायनिक, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और अन्य उद्योगों में संभावित अनुप्रयोगों पर आधारित हैं। यह युवा प्रतिभागियों को सामग्रियों के विज्ञान के वर्तमान क्षेत्रों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से है, ताकि वे गुणवत्तापूर्ण शोध करने में सहायक बन सकें। 2008 से, CNT लैब में स्थित Advanced Materials and Nano-electronics Research Group, ABV-IIITM, ग्वालियर, सामग्री और उपकरण मॉडलिंग शोध के लिए मूलभूत और अनुप्रयोग-विशिष्ट रूप से सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है। यह सम्मेलन ABV-IIITM, ग्वालियर में Advanced Materials Research Group के सफल 15 वर्षों को पूरा करने का उत्सव है।
समापन सत्र में प्रथम प्रस्तुति प्रो० चेन्नुपति जगदीश जो कि वर्तमान में एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर और इलेक्ट्रॉनिक्स सामग्री इंजीनियरिंग अनुसंधान, स्कूल ऑफ फिजिक्स ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्विद्यालय में अर्धचालक ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स और नैनो टेक्नोलॉजी समूह के प्रमुख हैं, उन्होंने अपने वक्तव्य में मुख्यत: क्वांटम डॉट्स और नैनोवायर्स की एपिटेक्सियल ग्रोथ को उल्लेखित किया तत्पश्चात HEXORP के संस्थापक अक्षत शाह ने ग्राफीन के औद्योगिक उपयोग के बारे में बताते हुए समझाया कि ग्राफीन 0.1 प्रतिशत बढ़ोत्तरी से किसी भी बहुलक की मजबूती में दोगुनी वृद्धि हो सकती है, साथ ही उन्होंने ग्राफीन के भविष्य के उपयोग के पहलुओं को भी स्पष्ट किया।
डॉ० जे जियांग शेन (न्यायांग टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट सिंगापुर) ने हाइब्रिड पेरोव्स्काइट के बारे में बताया कि ये अर्धचालक पदार्थ है, जो कि कार्बनिक अणु, धातु और हैलाइड के संगठन से बने होते हैं। इसी क्रम में, डॉ योगेंद्र मिश्रा जी को दक्षिणी डेनमार्क में एस डी यू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है, उन्होने 3-D नेटवर्क को उल्लेखित किया, 3-डी स्मार्ट कंपोजिट, जल परिशुद्धता के लिए हाइब्रिड - मटेरियल्स के बारे में बताया।
डॉ० नारायण प्रसाद अधिकारी (त्रिभुवन - यूनिवर्सिटी नेपाल) ने इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी एवं कैरियर कंसंट्रेशन को तुलनात्मक ढंग से स्पष्ट किया जिसको प्रो. अप्पाराव एम. राव के द्वारा सराहा गया। समापन सत्र के अंतिम चरण में पुरस्कार वितरण समारोह रखा गया, जिसमें एसीएस अवार्ड मनीषा पुथियाथ (आई आई टी इंदौर) , अनिल वी. नगाने (सावित्रीबाई विश्वविध्यालय पुणे), सुष्मिता (एन आई टी नागपुर), अरविंद पाठक (त्रिभुवन विश्वविध्यालय, नेपाल), देवांश अरोरा (सी एस आई ओ चंडीगढ़)। बेस्ट ओरल प्रेजेंटेशन अवार्ड हर्ष वजीरानी (सिडनी विश्वविध्यालय), सवाना (सिडनी विश्वविध्यालय)। ए सी एस पोस्टर प्रेजेंटेशन अवार्ड निधि रानी (जे आई आई टी पुणे), शक्ति कुमार (ट्रिपल आई टी इलाहाबाद), प्रकाश यादव ( एबीवी - ट्रिपल आई टी एम ग्वालियर), तनुजा आर्या (कुमाऊं विश्वविद्यालय), कौशिकी आहूजा (यू पी ई एस देहरादून)। यांग वूमेन साइंटिस्ट अवार्ड - पूनम (एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा), कनिका शर्मा (दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी), वंदना त्यागी (एबीवी - ट्रिपल आई टी एम ग्वालियर)।
थीसिस प्रस्तुति अवार्ड से महिमा (एमिटी नोएडा), रितु वर्मा (NIT कुरुक्षेत्र) को सम्मानित किया गया। अंत में मुख्य संयोजक प्रो० अनुराग श्रीवास्तव (डीन पूर्व छात्र एवं बाह्य/ विदेश संबंध ) ने कैंडी सम्मेलन के समापन की घोषणा की। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में प्रतिभागियों ने क्लासिकल नाइट का भी आनंद उठाया। संस्थान के सभी संकाय एवं असंकाय सदस्यों के द्वारा प्रो. अनुराग को कार्यक्रम के सफल समापन पर बधाई प्रेषित की गयी। यह जानकारी संस्थान की मीडिया प्रभारी श्रीमती दीपा सिंह सिसोदिया के द्वारा दी गयी।