गोपाष्टमी के पर्व पर खजुराहो में गौ सेवकों ने किया गौ माता का पूजन

जैन मुनि श्री निर्रग्रंथ सागर जी महाराज  ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के गौ सेवा पर प्रकाश डाला मुनि श्री ने मतंगेश्वर सेवा समिति, दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर के पंडित सुधीर शर्मा एवं विनोद जैन जी से इस संबंध पर विशेष चर्चा की श्री शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड के मात्र एक गृहस्त संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री जी का गौ माता से अटूट प्रेम था वह प्रतिदिन 2 से 3 घंटे गौ प्रेम में व्यतीत करते थे, मान्यता है कि गोपाष्टमी तिथि से ही भगवान कृष्ण ने गायों को चराना आरंभ किया था गोपाष्टमी के पर्व पर भगवान कृष्ण और गायों की पूजा होती है गाय को हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है और गाय को माता का दर्जा भी दिया गया है। गाय माता की सेवा करने से मात्र से हर मनोकामना पूरी होती है और मृत्यु के बाद गोलोक में स्थान भी मिलता है। साथ ही परिवार में सुख शांति बनी रहती है और जीवन में कोई संकट भी नहीं आता। मान्यता है कि गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है और गाय को आध्यात्मिक और दिव्य गुणों का स्वामी भी माना जाता है। गोपाष्टमी गायों की पूजा को समर्पित और उनके प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रदर्शित करने का त्योहार है।
इस अवसर पर गौ नंदी सेवाश्रय जैन मन्दिर खजुराहो, खजुराहो गौ शाला जटकरा, तथा जैन मन्दिर परिसर में विशेष गौ पूजा अर्चना क़ी गई
गौ सेवक राजकुमार दुबे, पूर्व कमिश्नर नरेंद्र सिंह परमार, आरएसएस के इंजीनियर ओमप्रकाश पटेल,अरविन्द सिंह पुतरी राजा, एवं परिवर्तन एनजीओ के सदस्यों ने  गौ पूजन किया एवं शहर के आसपास घूम रही गायों को चारा खिलाया

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