कल्याण चाहते हो तो राम को समर्पित कर दो जीवन: पं कपिल
राम बारात में श्रीराम की सुंदर छवि को देखने उमड़े श्रद्धालु - दंदरौआ हनुमान मंदिर पर श्रीरामकथा में निकली भव्य राम बारात
ग्वालियर। जीवन का यदि कल्यण चाहते हो तो खुद को राम को समर्पित कर दो, क्योंकि जापर कृपा राम की होई, तापर कृपा करे सब कोई। जिस पर राम की कृपा हो जाती है, उस पर सब कोई कृपा करने लगता है। यह विचार पं कपिल कृष्ण शास्त्री ने शताब्दीपुरम स्थित दंदरौआधाम मंदिर पर आयोजित रामकथा के दौरान व्यक्त किए। इस मौके पर कुशवाह मार्केट से रामबारात निकाली गई, जिसमेें भक्तों ने उत्साहपूर्वक नाचते हुए शिरकत की। भगवान श्रीराम की सुंदर छवि को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शुक्रवार को कथा का रसपान कराते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में यदि भूलवर्श कोई पाप हो जाए, तो गंगास्नान जरूर करना चाहिए। गंगा स्नान करने से शरीर का ताप शांत हो जाता है और पुण्य उदय हो जाता है। उन्होंने कहा कि सच्चा ज्ञान वह है जिसे जीवन में उतार सकें। जीवन मेें जिसके पास सिर्फ उच्चारण के लिए ज्ञान होता है, उसे ज्ञान का अभिमान हो जाता है। हनुमानजी की जीवन में ज्ञान उच्चारण में भी था और आचरण में भी था, इसलिए उन्हें बल बुद्धि विद्या का दाता कहा जाता है। राम-लक्ष्मण के जनकपुरी में गुरू विश्वामित्र के साथ घूमने के प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि राम ने गुरू को आगे किया, जिससे उन्हें हर कार्य मेें सफलता मिलती चली गई, क्योंकि गुरूकृपा से बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं। उन्होंने बताया कि नवदंपत्ति के प्रेम मेें रस होता है,लेकिन दांपत्य पुराना होने पर जीवन से रस कम होता है और विश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि भक्ति सबसे पहले कानों से प्रवेश करती है। जो लोग बिना भक्ति के भगवाना को पाना चाहते हैं तो उन्हें सफलता नहीं मिलती है। सूर्पणखा इसका उदाहरण हैं। वो बिना भक्ति के भगवान को पाना चाहती थी,लेकिन उसके आचरण की वजह से न सिर्फ उसकी जगहंसाई हुई बल्कि उसकी वजह से उसके सारे खानदान का नाश हो गया इसलिए जीवन में भक्त िके बिना सब व्यर्थ है। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष एसएन शुक्ला, कथा परीक्षत साधना राजीव कोठारी सहित सैकड़ों श्रोताओं ने कथा का आनंद उठाया।