अनरजिस्टर्ड व्यवसायी भी अब कर सकेंगे ई-वे बिल जनरेट: सहायक आयुक्त सीजीएसटी

ग्वालियर  जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक में सरकार द्बारा जीएसटी प्रावधानों में बदलाव किया है, जिसका नोटिफिकेशन जल्द जारी होगा। नये प्रावधान के अनुसार अब ऐसे व्यवसायी जो कि जीएसटी में पंजीकृत नहीं है, वह भी बिल ई-वे बिल जनरेट कर सकेंगे। पोर्टल पर इसकी सुविधा नये नोटिफिकेशन के आने के बाद उपलब्ध होगी। यह बात सहायक आयुक्त सीजीएसटी मेहुल के. शाह द्बारा ‘चेम्बर भवन` में जीएसटी के नये प्रावधानों पर आयोजित परिचर्चा में कही। आपने कहा कि अब जीएसटी में पंजीयन बिना आधार ॲथेंटिकेशन के नहीं होंगे, इसलिए बायामेट्रिक रजिस्ट्रेशन केन्द्र खोला जाएगा। ‘चेम्बर भवन` में जीएसटी संबंधी परेशानियों के लिए ग्रिविएंस सेल के प्रस्ताव पर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद इसे खोलने का प्रयास किया जाएगा। आपने कहा कि जीएसटी विभाग द्बारा आपको जारी किये जाने वाले नोटिसेस एवं पत्रों का जवाब जरूर दें। इससे आपको पेनाल्टी के नोटिस नहीं आयेंगे। तीन नोटिस का जवाब नहीं देने पर आपको पेनाल्टी का नोटिस इश्यू हो जाता है। जीएसटी विभाग से जारी होने वाले नोटिस एवं पत्रों में हमेशा डिन नंबर का उल्लेख होता है, इसे आप सीबीआईसी की वेबसाइट पर जाकर वेरीफाय कर सकते हैं। यदि वह वेरीफाय नहीं होता है तो वह नोटिस आपको जीएसटी विभाग से नहीं भेजा गया है और वह फेक है। 
इससे पूर्व अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि जीएसटी जब से लागू हुआ है, तब से ही वह व्यवसायियों के लिए पहेली बना हुआ है क्योंकि इसमें निरंतर संशोधन होते हैं और फिर संशोधन में भी संशोधन हो जाता है, इसे समझने के लिए व्यवसायी अपने कंसल्टेंट्स पर ही निर्भर होते हैं। जीएसटी की जटिलताएं व्यवसायियों को परेशान करती हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि चेम्बर भवन में एक जीएसटी ग्रिविएंस सेल (शिकायत प्रकोष्ठ) गठित करें, जिसमें जीएसटी विभाग के अधिकारी एवं जीएसटी विशेषज्ञ उसमें उपलब्ध रहें ताकि माह में किसी एक दिवस पर व्यवसायियों की जीएसटी परेशानियों का निराकरण कराया जा सके। जीएसटी विभाग एवं व्यवसायी के बीच पारदर्शी व मैत्रीपूर्ण रिश्ते कायम हों, यह चेम्बर ऑफ कॉमर्स का प्रयास है। आपने कहा कि जीएसटी के नोटिस सिस्टम द्बारा जनरेट किये जाते हैं, इनका रिव्यू होना चाहिए ताकि व्यवसायियों को अनावश्यक पेनिक न हो, क्योंकि कई बार यह नोटिस अनजाने में की कई गई छोटी-छोटी त्रुटियों पर भी जारी हो जाते हैं। बैठक का संचालन कर रहे मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी ग्रिविएंस सेल के चेम्बर भवन में स्थापित होने से केवल शहर ही नहीं अपितु अंचल के व्यवसायी भी ल्ााभांवित होंगे। इसलिए सेल की औपचारिकताएं शीघ्र पूर्ण होना चाहिए। इससे जीएसटी विभाग के पास भी कम शिकायतें पहुंचेंगी क्येोंकि इसका निदान पूर्व से ही ग्रिविएंस सेल में हो जायेगा। 
परिचर्चा में जीएसटी विशेषज्ञ एवं चेम्बर की जीएसटी उपसमिति के संयोजक-सीए दीपक वाजपेयी द्बारा 53वीं जीएसटी काउंसिल में टैक्स संबंधी परिवर्तनों की जानकारी देते हुए बताया कि पहले जीएसटी में आईटीसी आप सितंबर माह के पूर्व नहीं ले सकते थे। लेने पर नोटिस इश्यू हो जाता था। नये प्रावधानों में वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 तक आईटीसी आप सितंबर माह के बाद ले सकते हैं। यह सभी आईटीसी आप नवम्बर 2021 से पहले क्लेम कर लें। इस संबंध में यदि आपको नोटिस इश्यू हुआ है, तो आपकी अपील करने पर वह विथड्रॉ हो जाएगा। इसी प्रकार 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक यदि आपसे रिटर्न में कोई अनजाने में गलती हुई है और आपको धारा 73 के तहत नोटिस इश्यू हुआ है और आप सही टैक्स भर देते हैं तो वह नोटिस विथड्रॉ होंगे इसके लिए आपको 21 मार्च 2025 तक अपील करना होगी। जीएसटी कम्प्यूटर बेस्ड सिस्टम है, इसलिए आपकी किसी भी गलती को वह नोटिस कर लेते हैं। इसके लिए एक नया फार्म आया है जीएसटीआर1ए इस फार्म से यदि आपके द्बारा जीएसटीआर1 में राशि गलती से राशि गलत लिख गई है तो जीएसटीआर3बी की तिथि के बीच में यह फार्म पोर्टल पर उपलब्ध होगा और आप इसमें गलत लिखी गई राशि को सुधार सकते हैं। इसके साथ ही यदि आप तय तिथि से देरी से रिटर्न भरते हैं, जैसे आपको 20 तारीख को भरना था और आप से 5 तारीख को भर पाये। तब यदि आपके कैश लेजर निर्धारित राशि का बैलेंस था या उससे कम था तो आपको अब ब्याज उतनी ही राशि पर देना होगा, जितना एमाउंट आपके कैश लेजर में कम था, पूर्व में यह ब्याज पूरी राशि पर आरोपित होता था। इसके साथ ही विवादित प्रकरणों के मामलों में सरकार ने टैक्स पेयर को राहत दी है। इसमें 20 लाख तक राशि होने पर सरकार ट्रिब्यूनल में नहीं जाएगी, 1 करोड़ की राशि तक हाईकोर्ट तथा 2 करोड़ तक की राशि पर सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करेगी। जीएसटीआर9 अब 2 करोड़ तक का टर्नओवर होने पर नहीं भरना होगा। 
परिचर्चा के मुख्य वक्ता एवं अतिथि-सहायक आयुक्त सीजीएसटी मेहुल के. शाह को स्मृति चिन्ह मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल द्बारा भेंट किया गया। बैठक का संचालन मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल द्बारा तथा आभार उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल द्बारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर सीजीएसटी कार्याल के अधीक्षकद्बय विनोद निगम, विजय कपूर, निरीक्षक सुमित कटारिया सहित कार्यकारिणी समिति सदस्य महेन्द्र साहू, धर्मेन्द्र जैन, विवेक बंसल, संजय अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, चंद्रकांत अग्रवाल, भरत बंसल, संजय अग्रवाल, नंदकिशोर गोयल सहित काफी संख्या में व्यवसायी उपस्थित रहे। 

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