फिल्म के दृश्य के माध्यम से घटना के संबंध में समझाए अलग-अलग दृष्टिकोंण

- उच्च न्यायालय में दृश्यम विधि पर कार्यशाला आयोजित
ग्वालियर । कानूनी प्रक्रिया को फिल्म के दृष्य के माध्यम से समझने एवं पृथक-पृथक दृष्टिकोण निर्मित करने की दृश्यम विधि पर उच्च न्यायालय खण्डपीठ परिसर में प्रशासनिक न्यायाधिपति न्यायमूर्ति श्री आनंद पाठक के मार्गदर्शन में शनिवार को कार्यशाला आयोजित की गई । इस कार्यशाला के माध्यम से अधिवक्ताओं, अन्वेशण एजेंसियों, अभियोजन अधिकारियों एवं न्यायिक अधिकारियों को दृश्यम विधि की बारीकियाँ समझाई गईं। कार्यशाला में न्यायमूर्ति श्री पाठक ने दृश्यम विधि को विस्तारपूर्वक रेखांकित किया। 
कार्यशाला में 12 मिनट की शोले फिल्म की क्लिप दिखाई गई थी , जिसमें डाकूओं का ट्रेन का पीछा करना व लूटना और फिल्म के पात्रों का डाकूओं के साथ लडना दिखाया गया था। घटनाओं को कानूनी नजरिये से देखने की विधि के बारे में न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि एक ही घटना है किंतु उसे पुलिस के अधिकारी एक अलग दृष्टिकोण से देखते है, अभियुक्त का अधिवक्ता एक अलग दृष्टिकोण से, अभियोजन अलग दृष्टिकोण से तथा न्यायिक अधिकारी अलग दृष्टिकोण से देखते हैं। इसी विधि को दृश्यम नाम दिया गया है। न्यायमूर्ति श्री आनंद पाठक ने बताया कि यह दृष्यम का पहला चरण है। आगामी चरणों में अधिवक्ता, पुलिस अधिकारी, न्यायिक अधिकारी तथा अभियोजन अधिकारियों के अलग अलग समूह बनाकर प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। जिसमें कानूनी प्रक्रिया पर दृश्यम विधि अनुसार ओपन डिस्कशन आयोजित किया जावेगा। उन्होंने कहा कि कानून के लिहाज से फिल्में देखने एवं किताबे पढने से हमारे दृष्टिकोण को नये आयाम मिलते हैं। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार श्री हितेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि दृश्यम विधि ज्ञान के आधार पर अनुभव का बोधगम्य है। यह एक सीखने की प्रक्रिया है तथा अर्जित किये गये ज्ञान से अनुभव का साक्षात्कार है। साथ ही उन्होंने न्यायमूर्ति श्री आनंद पाठक द्वारा अपने न्याय निर्णयों के माध्यम से सामाजिक उत्थान में अभिनव पहल करने का उल्लेख भी किया चाहे वह फोरेन्सिक साइंस के बारे में या वृक्षारोपण के बारे में, चाहे वो एन.डी.पी.एस में मिट्टी के परीक्शण के बारे में हो या संदेश एप के बारे में । 
कार्यशाला में न्यायमूर्ति श्री आनंद पाठक के साथ न्यायमूर्ति श्री संजीव सुधाकर कालगांवकर, न्यायमूर्ति श्री हृदेश, न्यायमूर्ति श्री राजेन्द्र कुमार वाणी, श्री प्रदीप मित्तल जिला न्यायाधीश (सतर्कता), श्री पदम चन्द्र गुप्ता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला ग्वालियर, श्री अखिलेश मिश्र प्रिंसिपल रजिस्ट्रार/सचिव उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, श्री हितेन्द्र द्विवेदी ओ.एस.डी/रजिस्ट्रार मध्यप्रदेश उच्च न्यायाधीश खण्डपीठ ग्वालियर, अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री अंकुर मोदी, श्री पूरन कुलश्रेष्ठ , श्री दीपेन्द्र सिंह कुशवाह, श्री रोहित मिश्रा एवं श्री विवेक खेडकर, श्री महेश गोयल सचिव उच्च न्यायालय अभिभाशक संघ ग्वालियर, मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिशद के सदस्यगण श्री प्रेम सिंह भदौरिया, श्री राजेश शुक्ला , श्री जे.पी. मिश्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हरीश कुमार दीक्षित, श्रीमती निधि पाटनकर, न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण एवं पुलिस विभाग के अधिकारीगण, अभियोजन अधिकारीगण सम्मिलित हुये। श्री अखिलेश मिश्र सचिव उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति ने आभार व्यक्त किया। 

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