खजुराहो के पुर्न निर्माण एवं आध्यात्मिक चेतना के लिए शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान : पंडित विनोद गौतम


 मतँगेश्वर सेवा समिति खजुराहो एवं दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर फ्रांस के द्वारा साउथ फ्रांस के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मीर पुआ में स्थित ला मेजो दी भक्ति योगा पर शिक्षक दिवस मनाया गया. जिसमे सभी प्रोफ़ेसरों, योग एवं अध्यात्म शिक्षकों का सम्मान किया गया सभी ने अपने अपने माता पिता एवं शिक्षकों को अपना गुरु बताते हुए उन्हें याद किया पंडित विनोद गौतम ने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय श्री जगदीश प्रसाद गौतम ( पित्ती मारसाब ) एवं माता स्वर्गीय श्रीमती शांति गौतम दोनों ने उनके जीवन में सबसे बड़े गुरु की भूमिका निभाई आज में जो भी हूँ उन्ही के आशीर्वाद से हूँ, इंजिनियर सुरेंद्र गुप्ता ने अपने गुरु श्री रामेस्वर दयाल श्रीवास्तव को याद करते हुए बताया कि उनके आध्यात्मिक जीवन में श्रीवास्तव जी का महान योगदान हैं .
अंत में पंडित सुधीर शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि शिक्षक दिवस गुरु-शिष्य को समर्पित दिन है और गुरु-शिष्य की परंपरा तो भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। अत: जीवन में शिक्षकों का महत्व समझाने के लिए ही इस दिन को मनाया जाता है हमारे जीवन में वैसे तो माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, हर बच्चे के जीवन के सबसे पहले गुरु माता-पिता ही होते हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली तरीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं तथा हमारे जीवन को ऊंचाइयों पर ले जाने का श्रेय भी शिक्षकों को ही जाता हैं। यह भी बताया कि पिता स्वर्गीय पंडित श्री मथुरा प्रसाद शर्मा एवं माता श्रीमती पुष्पा शर्मा ( बड़ी बहिन जी ) दोनों का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है मेरे लिए मेरे माता पिता ही सबसे बड़े मेरे गुरु रहे हैं अध्यात्म के क्षेत्र में जिन शिक्षकों योगदान है उनमे पूजयनीय देवप्रभाकर शास्त्री ( दद्दा जी ), आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज, पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी ( वागेश्वर महाराज ), शिक्षा के क्षेत्र एवं आर्थिक क्षेत्र में खजुराहो को उचाईयों तक ले जाने में स्वयं के माता पिता एवं स्वर्गीय श्री भगवान सिंह लवानिया, स्वर्गीय योगी श्री रामप्रकाश शर्मा, स्वर्गीय श्री वृज विहारी तिवारी, स्वर्गीय श्रीमती इंद्रा तिवारी, स्वर्गीय ब्रजेन्द्र सिंह ( मामा गाइड ), श्रीमती भगवती गुप्ता बहिन जी को याद करते हुए उन्हें नमन किया .
अंत में श्रीमती जनीन जी , स्पोर्ट शिक्षक श्री फिलिप जी, योगी जानलुका जी, योगिनी मुख़्तारिया बुसिफ जी, योगिनी क्यारा जी, योगिनी देबोरा जी, योगिनी कार्ला जी, योगिनी अरियाना जी एवं उपस्थित अन्य सभी शिक्षकों का शिक्षा, योग एवं अध्यात्म के क्षेत्र में योगदान के लिए पुष्प माला एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मान किया गया

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