मेला में इस बार भी नहीं हो पायेंगी राजनैतिक नियुक्तियां?
देश के ऐतिहासिक व्यापार मेलों में शुमार ग्वालियर व्यापार मेला इस बार भी प्रशासनिक मशीनरी ही चलाते दिख सकती है। क्योंकि इस दफा भी राजनैतिक नियुक्तियां होना संभव नहीं दिख रहा है। पिछले साढ़े तीन साल की शिवराज सरकार के दौरान मेला को अपना परमानेंट अध्यक्ष नहीं मिल पाया था। हालांकि कमलनाथ सरकार के दौरान सिंधिया समर्थक चेंबर नेता प्रवीण अग्रवाल जरूर मेला की कुर्सी अपने नाम करने में कामयाब रहे थे। परंतु कमलनाथ सरकार गिरने के बाद दोबारा मेला अपने पूर्णकालिक राजनैतिक अध्यक्ष के लिये इंतजार ही करता रहा है। हाल ही में संपन्न आम चुनाव में भाजपा दो तिहाई बहुमत के साथ एक बार फिर सूबे में काबिज हुई है। अभी शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी नहीं हुआ है। मेला 25 दिसंबर से शुरू होने की तैयारी में है। मेला में झूले और शोरूम बनने का काम प्रारंभ भी हो गया है। ऐसे में इस बार भी कोई राजनैतिक नियुक्ति हो पाना संभव नहीं दिख रहा है। इसलिए प्रशासन के हाथ में ही मेला संचालन की जिम्मेदारी रहेगी।