नकदी एवं ज्वेलरी का प्रमाणित प्रमाण होने पर जप्ती की कार्यवाही नहीं की जाए : MPCCI

ग्वालियर। आदर्श आचरण संहिता की अवधि में यदि किसी व्यापारी/उद्योगपति द्बारा 50 हजार से ज्यादा नकदी एवं स्वर्ण कारोबारियों द्बारा व्यापार के उद्देश्‍य से ज्वेलरी लेकर आवागमन किया जाता है और चैकिंग के दौरान व्यापारी/उद्योगपति द्बारा प्रमाणित साक्ष्य उपलब्ध कराया जाता है तब उनकी नकदी एवं माल की जप्ती नहीं किए जाने के संबंध में मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (MPCCI) द्बारा ग्वालियर अंचल के जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षकगणों के साथ ही जीआरपी मध्यप्रदेश को जप्ती की कार्यवाही नहीं किए जाने के निर्देश प्रसारित करने के संबंध में पत्र लिखा गया है। 
मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (MPCCI) के अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष-हेमंत गुप्ता, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष-संदीपनारायण अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया है कि मध्यप्रदेश सहित पूरे देश के अंदर आदर्श आचरण संहिता लागू है और ऐसे में किसी भी व्यक्ति के पास 50 हजार से ज्यादा नकदी होने पर पूछताछ करने एवं प्रमाण न होने पर उस राशि को प्रमाण आने तक जप्त किए जाने की कार्यवाही की जाती है। पदाधिकारियों ने बताया है कि हमारे द्बारा यह अनुरोध पत्र पूर्व के अनुभवों के आधार पर प्रेषित किया गया है जिसमें कई बार ऐसा देखने में आया है कि किसी व्यापारी/उद्योगपति जिनके पास 50 हजार से ज्यादा नकदी है और उसका प्रमाण भी उनके पास है तब भी वह राशि जप्त की गई थी जो बहुत सारी औपचारिकताओं/पेचीदगियों के बाद वह व्यापारी/उद्योगपति को वापिस मिली जिसमें समय भी लगा और मानसिक प्रताड़ना भी हुई। वहीं सर्राफा कारोबारियों का माल पंजीकृत कोरियर कंपनी के माध्यम से आ रहा था, जिसे मुरैना की अल्लाबेली चौकी पर रोका गया और उस माल का बीमा, जीएसटी बिल साथ होने के बावजूद भी वह माल रिलीज कराने में लगभग डेढ माह का समय लग गया। उसी दौरान सोने के दामों में भारी गिरावट होने से उन स्वर्ण कारोबारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा और आर्थिक एवं मानसिक प्रताड़ना के बाद वह माल मुक्त हुआ। इसके अलावा कई बार ऐसा भी हुआ है कि अगर कोई सर्राफा कारोबारी अपने व्यापार के उद्देश्‍य से गोल्ड ज्वेलरी के सेम्पल लेकर जा रहा है और उसका बिल साथ है एवं व्यापारी होने का प्रमाण भी उसके पास है, उसके बाद भी वह माल जप्त किया गया। 
पदाधिकारियों ने पत्र में उल्लेख किया है कि आचार संहिता लगभग 80 दिन रहने वाली है और यही समय शादी-ब्याह का सीजन का समय है, ऐसे में व्यापारिक गतिविधियां तेज होती हैं और यदि सारे प्रमाण के बाद मात्र वाहवाही के लिए ऐसी कार्यवाही की गई तो चैकिंग दल को तो वाहवाही मिल जायेगी लेकिन व्यापार जगत को अपूर्णनीय क्षति होगी। हमारे द्बारा अपने व्यापारियों एवं उद्योगपतियों से भी अपील की गई है कि यदि वह नकदी को लेकर आवागमन कर रहे हैं तब 50 हजार से ज्यादा नकदी होने पर उसका एवं अपने व्यापारी होने का प्रमाण लेकर चलें और सर्राफा कारोबारियों से भी अपील की गई है कि वह यदि अपने व्यापार के उद्देश्‍य से गोल्ड ज्वेलरी लेकर चल रहे हैं तब उसके भी प्रमाणित प्रमाण लेकर चलें। चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि चैकिंग दल को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि यदि कोई व्यक्ति अपने व्यापारी/उद्योगपति होने का प्रमाण देता है, साथ ही नकदी एवं ज्वेलरी होने का प्रमाणित साक्ष्य देता है तब ऐसी अवस्था में जप्ती की कार्यवाही नहीं की जावे, जिससे व्यापारिक जगत को होने वाली अपूर्णनीय हानि को रोका जा सके और व्यापारी/उद्योगपति तथा शासन-प्रशासन के मध्य सद्भावना स्थापित रह सके और व्यापार एवं उद्योग सुगम रूप से चल सके।

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