बड़ी खबरः कांग्रेस से नहीं लड़ेंगे केपी, राज्यसभा की आस

- कांग्रेस यादवेन्द्र सिंह यादव को ला सकती हैं सिंधिया के सामने 
(विनय अग्रवाल)
ग्वालियर। गुना शिवपुरी क्षेत्र के निवर्तमान लोकसभा सदस्य केपी यादव कांग्रेस में नहीं आ रहे हैं। बड़ी खबर यह है कि कांग्रेस के लाख प्रयासों के बाबजूद केपी यादव ने भाजपा को छोडत्र कांग्रेस का उम्मीदवार बनने से इंकार कर दिया है। अब कांग्रेस ने अपने फाइनल पैनल में यादवेन्द्र सिंह यादव को प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी कर ली है। वहीं भाजपा केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहले ही गुना शिवपुरी से अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। इधर इस बात की संभावना जरूर है कि केपी यादव को टिकट कटने के बाद पुरूस्कार स्वरूप सिंधिया की जगह राज्यसभा में भेजा जा सकता हैं। 
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने भाजपा के निवर्तमान होने वाले लोकसभा सदस्य केपी यादव को उनका भाजपा से लोकसभा टिकट कटने पर कांग्रेस प्रत्याशी बनाने का आफर दिया था। इसके लिये कांग्रेस आलाकमान 15 दिन से केपी यादव की हां ना कर इंतजार कर रहा था। चूंकि अब केपी यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी बनने से इंकार कर दिया है। इसलिये कांग्रेस ने यादवेन्द्र सिंह यादव का नाम लगभग फाइनल स्टेज पर भेज दिया हैं। कल सायं तक कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा भी हो सकती हैं। ज्ञांतव्य है कि गुना शिवपुरी के निवर्तमान सांसद केपी यादव पहले कांग्रेस में ही थे और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से पटरी न बैठ पाने के कारण कांग्रेस में आ गये थे और पिछला लोकसभा चुनाव जीत भी गये थे। चूंकि यादव को उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें पुनः लोकसभा का टिकट देगी, लेकिन भाजपा ने यहां केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट दे दिया हैं, इसीलिये कांग्रेस यहां केपी यादव पर डोरे डाल रही थी। लेकिन केपी यादव ने कांग्रेस के अरमानों पर पानी फेर दिया हैं।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अब केपी यादव कांग्रेस में नहीं आ रहे। इधर भाजपा सूत्रों का कहना है कि केपी यादव पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता है। वह भाजपा में बने रहेंगे और पार्टी का काम करेंगे। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया चूंकि राज्यसभा के सदस्य है अब वह लोकसभा लड़ रहे हैं। इसीलिये राज्यसभा की सीट खाली होने कर केपी यादव को पार्टी राज्यसभा भेज सकती है। इसी आस में केपी समर्थक भी जो शुरू में टिकट कटने पर आक्रोशित थे अब शांत है। वैसे गुना शिवपुरी के लोगों का कहना है कि वह केपी यादव के कार्यकाल से बेहद संतुष्ट रहे, उन्होंने भरपूर विकास के कार्य कराये और सदैव लोगों के लिये उपलब्ध रहे। 
एक चर्चा निगम मंडल अध्यक्ष की भी
केपी यादव के लिये राजनैतिक क्षेत्रों में इस बात की भी चर्चा है कि उन्हें लोकसभा निर्वाचन के बाद किसी निगम मंडल का अध्यक्ष बनाया जा सकता हैं। वैसे भी केपी यादव के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से बेहतर रिश्ते भी हैं। 

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