राजनीतिक गुरू और शिष्य दोनों मैदान में
ग्वालियर। विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा ने गुरू और शिष्य को एक साथ दो विधानसभा क्षेत्रों में उतार दिया हैं। गुरू और शिष्य दोनों सिंधिया समर्थक है, पहले कांग्रेस में थे अब भाजपा से सिंधिया की सिफारिश पर टिकट भी इन्हें मिला हैं। यह है पूर्व मंत्री इमरती देवी डबरा से और मोहन सिंह राठौर भितरवार से। भाजपा से टिकट घोषित होने के बाद दोनों ही प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार में लग गये हैं।
खास बात यह है कि कांग्रेस नेता रहे मोहन सिंह राठौर राजनीति में परिपक्व नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें पूर्व मंत्री इमरती देवी को कांग्रेस में लाने व विधानसभा चुनाव लड़ाने का श्रेय जाता हैं। राठौर की कार्ययोजना व उनकी टीम की मेहनत की वजह से ही इमरती दो बार डबरा से विधायक बनी और कमलनाथ सरकार में मंत्री भी बनी। वह भी अपने राजनैतिक गुरू मोहन सिंह राठौर को पूरा सम्मान देती हैं। लेकिन अब डबरा की भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी के राजनैतिक गुरू स्वयं भितरवार से चुनावी मैदान में है। इसी कारण इमरती देवी को उनका साथ व टीम नहीं मिल पा रही हैं, जिसके कारण यहां कांग्रेस प्रत्याशी इस बात का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि भाजपाई कहते है कि इमरती देवी स्वयं अब अनुभवी राजनेता है और महाराज का नाम लेकर वह पूरी चुनावी वैतरणी पार करने में सक्षम हो गई है। कुल मिलाकर अब लोगों की निगाह डबरा और भितरवार दोनों ही सीटों पर है, जहां अभी कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम घोषित होने का इंतजार भी हैं।