आज समाज में मित्र का दुश्मन मित्र ही बन गया है: घनश्याम शास्त्री
मनुष्य को हमेशा सत्संग को सुनना चाहिए, सत्संग को सुनने से मनुष्य का कल्याण होता है। भगवान का नाम रोज लेने से मनुष्य का कल्याण हो जाता हैं। जो भी मनुष्य सच्चे मन से भगवान का जाप और नाम नहीं लेता है उस मनुष्य का कभी भी कल्याण एवं उद्धार नहीं हो सकता है। हर मनुष्य को भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
दौलतगंज स्थित राजा बाक्षर की गोठ श्री राजा बाक्षर मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पं.घनश्याम शास्त्री जी महाराज ने बताया कि आज समाज में मित्र का दुश्मन मित्र ही बन गया है। आज मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए अपने मित्र की ही हत्या कर देता है। रामायण में भी कहा गया है कि जो मनुष्य अपने मित्र का दुःख देखकर दुखी नहीं होता है ऐसे लोग को देखने से पाप लगता है। मित्र का धर्म होता है कि अगर उसका मित्र संकट में है तो वह अपने मित्र की रक्षा करें।
भगवान श्री कृष्णा अपने भक्तों की रक्षा हमेशा करते है। मनुष्य को अपने हर कार्य को समय पर करना चाहिए, काम से फुर्सत मिलने पर मनुष्य को भगवान की भक्ति करनी चाहिए जिससे उसका कल्याण हो सकें । भगवान छल- कपट करनें वाले मनुष्य की भक्ति को कभी भी पसंद नहीं करते है। हर मनुष्य को विधि के विधान का कर्म भोगना पड़ता है। मनुष्य को किसी भी महिला को गन्दी नज़र से नहीं देखना चाहिए, जो भी मनुष्य ऐसा करता है वो पाप का भागी बनता है इस अवसर पर महंत तरुण सूर्यबंसी अनीता सुरेश बंसल एवं समस्त भक्तो ने महापुराण की आरती की ।।