मुहब्बत की दुकान ने भी युवा कांग्रेस में एंट्री मारी, प्रांजल बने प्रदेश महामंत्री


(विनय अग्रवाल)
ग्वालियर/भोपाल।  मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के राज्य पदाधिकारियों के निर्वाचन संपन्न हो चुके है। अध्यक्ष पद को छोडकर अन्य सभी पदों पर युवा कांग्रेस निर्वाचन अधिकारियों ने पदाधिकारियों की घोषणा कर दी है। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्व मंत्री और मुहब्बत की दुकान चलाने वाले बालेन्दु शुक्ला के नाती प्रांजल तिवारी ने युवक कांग्रेस के महामंत्री पद पर उल्लेखनीय जीत हासिल की है। ग्वालियर से सामान्य वर्ग में जीतने वाले प्रांजल तिवारी पहले है और मुहब्बत की दुकान के द्वारा वह सामाजिक सरोकारों व सेवा कार्यो से जुडे रहते है। 
प्रांजल तिवारी वैसे राजनीति में नये है, लेकिन उन्हें अपने नाना बालेन्दु शुक्ला से राजनीति की बारीकियां विरासत में मिली है। बालेन्दु शुक्ला पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व माधवराव सिंधिया के साथ राजनीति की सर्वाधिक उचाईयों पर रहे और मध्यप्रदेश में उनकी तूती बोला  करती थी। अब बालेन्दु शुक्ला कांग्रेस में सीनियर नेता है और पार्टी की रीति नीतियों के तहत एक्टिव रहते है। उन्होंने सामाजिक सेवा कार्यो के लिये कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी से प्रेरणा लेकर मुहब्बत की दुकान खोल रखी है, जिसके तहत वह विभिन्न सेवा कार्य करते है। 
प्रदेश महामंत्री पद पर ग्वालियर अंचल से सामान्य वर्ग में जीते प्रांजल तिवारी पूर्व मंत्री बालेन्दु शुक्ला के नाती है । इसी कारण प्रांजल तिवारी का चुनाव बालेन्दु शुक्ला के लिये प्रतिष्ठा का विषय था। इस चुनाव को जीतकर जहां प्रांजल तिवारी ने मात्र 24 वर्ष की आयु में ही युवक कांग्रेस की राजनीति में दिग्गजों का ध्यान अपनी ओर खींचा है, वहीं पूर्व मंत्री बालेन्दु शुक्ला भी छाती ठोंककर प्रांजल के लिये प्रदेश आलाकमान की वाह-वाही लूट रहे है। प्रांजल तिवारी ने आस्ट्रेलिया से पढाई पूरी कर युवक कांग्रेस की राजनीति में कदम रखते हि धमाका किया है, वह 182 प्रत्याशियों में सामान्य वर्ग में टाप टेन पर रहे है। 
प्रांजल का कद बढेगा
प्रांजल तिवारी अपनी जीत से बेहद उत्साहित हैं, वह कहते है कि उनके नाना ने कांग्रेस और प्रदेश के जनमानस की जो सेवा अपनी राजनीति वह भी इसी तर्ज पर चलकर सेवा को अपना धर्म बनायेगा। 
प्रांजल से जीत ग्वालियर -चंबल संभाग की राजनीति में युवक कांग्रेस को नया दमदार पारिवारिक पृष्ठभूमि वाला नेता मिला है। इसी कारण कांग्रेस आलाकमान उन पर भरोसा कर आगे बढ सकता है। 
बालेन्दु ने भी मेहनत की थी
पूर्व मंत्री बालेन्दु शुक्ला ने भी अपने नाती प्रांजल तिवारी की जीत के लिये भरपूर मेहनत की थी। जून से लेकर जुलाई तक की वोटिंग अवधि में वह प्रदेश में सभी स्थानों पर प्रांजल के साथ युवा इंकाईयों के मतदाताओं से सीधा संपर्क कर उनके पक्ष में मतदान का आव्हान किया था। जिसका लाभ यह हुआ कि प्रांजल तिवारी युवक कांग्रेस में एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभर कर सामने आये। 



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