ग्वालियर। प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डा पीयूष गुप्ता का मानना है कि चिकित्सा शिक्षा में और रिसर्च की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रिसर्च कर्ता डाक्टर को समय की कमी को कैसे दूर किया जाये यह सभी को सोचना चाहिये।
12 वीं बाल शिक्षा कान्फ्रेस में आये डा गुप्ता ने बताया कि चिकित्सा में जहां अब कालेज एम्स की संख्या में बढोत्तरी हुई है , वहीं चिकित्सा में कुछ कालेज अच्छा कर रहे है तो कुछ शासकीय और निजी कालेज ठीक नहीं कर पा रहे है। ऐसे कालेजों को किसी अच्छे कालेज या एम्स जैसे संगठन से अटैच कर देना चाहिये।
विदेशो में चिकित्सा सुविधाओं को लेकर भारत की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि भारत से शिक्षा पाकर अमेरिका और यूके में अपनी विशेषज्ञता का लोहा मनवा रहे है। यदि यह लोग भारत वापस आ जाये तो वहां पर पूरा सिस्टम कालेप्स हो जाएगा। उन्होंने बताया कि विदेशों में भी भारत के ही चिकित्सक छाए है। हां उन्हें उस समय वुनियादी सुविधाएं नहीं मिली तो वह भारत छोड कर अमेरिका और यूके में बस गये।
डा गुप्ता ने कहा कि अब जिस गति से मेडीकल कालेज खुल रहे है तो सरकार को भी ग्रामीण हेल्थ सेंटर और जिलों में वुनियादी सुविधाओं को बढाना चाहिये जिससे डाक्टर मन लगाकर ग्रामीण या जिला स्तर पर काम कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा चिकित्सकों को जो मानक निर्धारित किये गये है उसके आधार पर स्वास्थ्थ सुविधाओं को भी तय करना चाहिये।
डा गुप्ता ने कहा कि चिकित्सा मं अब ट्रांसफार्म हो रहा है। एमबीबीएस चिकित्सक क्या कर सकता है उसे देखकर कार्य कराना चाहिये। उन्हांेने कहा कि अब 70 कालेज जिला स्तर तक पर कालेज हेल्थ सुविधाएं खुल रही है। सरकार को भी अब शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देकर शिक्षक और चिकित्सकों की उपस्थिति के साथ ही उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करें।
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