थ्री क्लेप से हुआ ग्वालियर में अंतर्राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव का आगाज , रिपब्लिक ऑफ तूबा व एसटोनिया के कलाकार सडक़ों पर थिरके

कार्निवाल में दिखा कला-संस्कृति का अनूठा संगम

ग्वालियर। उदभव सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्था का बहुप्रतीक्षित 20वां अंतर्राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव का आगाज हो गया। रविवार को रूप सिंह स्टेडियम से राजमाता विजयाराजे सिंधिया चौराहे तक कार्निवाल निकाला गया। देश - विदेश के कलाकार अपनी संस्कृति की छटा बिखेरते हुए सडक़ पर थिरके। करीब ढाई किमी की दूरी को पैदल पार करते हुए राजमाता चौराहे पर विदेशी कलाकारों ने विहंगम प्रस्तुति देकर लोगों का मन मोह लिया। शहर की जनता इनकी कला को अपलक निहारती रही। राह चलते लोगों ने रुक- रुककर कलाकारों का ताली बजाकर उत्साहवर्धन किया। ग्रीनवुड स्कूल अपनी बेंड प्रस्तुति के साथ इस कार्निवाल की अगुआई कर रहा था। 
चार दिन तक चलने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव में रिपब्लिक ऑफ तूबा रसिया फेडरेशन व एसटोनिया सहित भारत की 50 से ज्यादा टीम शामिल हुई हैं। इन टीमों में एक हजार से ज्यादा कलाकार हैं। जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल सभागार में कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ देश की सुप्रसिद्ध कत्थक नृत्यगनाओं पद्मश्री डॉ नलिनी- डॉ. कमलिनी की गरिमामयी उपस्थिति में व ग्वालियर की महापौर शोभा सिकरवार के मुख्य आतिथ्य में दीप प्रज्वलन व गणेश वंदना नृत्य से प्रारम्भ हुआ। इस अवसर पर विशेष अतिथि रशियन एजुकेशन व मिलिट्री स्पेशलिस्ट पावेल पेशेवर, कुलपति एलएनआईपीई प्रो. कल्पना शर्मा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाहक यशवंत इंदापुरकर, पूर्व कार्यपरिषद सदस्य प्रदीप शर्मा, शुभारम्भ समारोह में मंचासीन रहे। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि ने सभी प्रतिभागियों को अपनी प्रस्तुति के लिए शुभकामनाएं दी व पश्चिम सभ्यता की तरफ अग्रसर समाज में ऐसे कार्यक्रम अपनी संस्कृति को गहराई से जानने व दूसरे देशों की संस्कृति को जानने का अवसर बताया।
डा.ॅ नलिनी ने सभी कलाकारों को कलाकार बनना ईश्वर की कृपा व चुनाव बताया । साथ ही कलाकारों को सत्य से साक्षात करने का माध्यम बताया। अपनी कला को साथ रखने और कला का सम्मान का संदेश दिया। और अपनी संस्कृति को थामे रखने पर जोर दिया। संस्था के अध्यक्ष डॉ. केशव पांडेय ने स्वागत भाषण दिया व सचिव दीपक तोमर ने उद्भव की गतिविधियों व आगामी योजनाओं से अवगत कराया। साथ ही संस्था की उपाध्यक्ष किरण भदौरिया ने कार्यक्रम को विविधता में एकता का मंच बताया। 
उल्लेखनीय है कि चार दिन तक इस नृत्य महोत्सव के जरिए संगीत सम्राट तानसेन की नगरी में उत्सव जैसा माहौल रहता है। इस दौरान शहर और कई दूर दराज इलाकों से लोग कला एक संस्कृति को देखने पहुंचते है। उद्भव संस्था द्वारा पिछले कई सालों से इस आयोजन को किया जा रहा है। आगामी नृत्य कार्यक्रम सोमवार सुबह 9 बजे से आईआईआईटीएम में प्रारम्भ होंगे।

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