फ्रांस में भारतीय समुदाय ने किया गांधी जयंती पर स्वच्छता अभियान एवं भारत माता पूजन का भव्य आयोजन
फ्रांस की धरती पर भारतीय समुदाय ने गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायी कार्यक्रम का आयोजन किया। मतंगेश्वर सेवा समिति एवं दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर, खजुराहो के मार्गदर्शन और पंडित सुधीर शर्मा के नेतृत्व में पेरिस के समीप स्थित तोर्स शहर में लोयार नदी के तट पर यह भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ बड़े पैमाने पर चलाए गए स्वच्छता अभियान से हुआ। भारतीय समुदाय के सदस्य, स्थानीय नागरिक तथा विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। लोयार नदी के तट की सफाई के साथ-साथ आसपास के आश्रमों एवं घर-घर जाकर भी स्वच्छता कार्य किया गया। हर सहभागी ने पूरे समर्पण और उत्साह से योगदान देते हुए इस अभियान को एक नई दिशा प्रदान की।
इस अवसर पर अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में पंडित शर्मा ने कहा कि स्वच्छता केवल बाहरी वातावरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे विचार, आचरण और जीवनशैली का भी अभिन्न हिस्सा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने घर और समाज को स्वच्छ रखते हैं तो उतना ही आवश्यक है कि अपने मन और विचारों को भी पवित्र बनाएँ। यह आयोजन भारत माता की सेवा और मानवता के प्रति सच्चे समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि स्वच्छता को जीवन का स्थायी हिस्सा बनाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल और स्वस्थ वातावरण तैयार करें आयोजन की सफलता में थोड़ समुदाय और थोड़ आश्रम का योगदान उल्लेखनीय रहा। रहीश भारती एवं उनकी टीम ने अभियान की सफलता में विशेष भूमिका निभाई और यह संदेश दिया कि स्वच्छता जाति, धर्म और सीमाओं से परे सम्पूर्ण मानवता की जिम्मेदारी है।
पूरे कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने में अफरीदी, भारती, मंजू सपेरा, पूजा सपेरा, कौशल राणा, लोना, ईश्वरी (जापान), कुलेहा मोयु (जापान), कोको, आयुमी, भारती फुजिसकी (जापान) और तंवर लाल का योगदान विशेष रूप से सराहनीय रहा। उनकी सहभागिता ने इस आयोजन को और भी भव्य और प्रेरक बना दिया।
स्वच्छता अभियान के उपरांत भारत माता का भव्य पूजन सम्पन्न हुआ। पूजन स्थल भारत माता के जयघोष से गूंज उठा और वातावरण भारतीय संस्कृति, परंपरा और अध्यात्म की दिव्यता से आलोकित हो गया। उपस्थित जनसमूह ने इस अवसर पर स्वच्छता और एकता को जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संकल्प लिया।
इस कार्यक्रम में इंडो यूरोपियन संगठन के अमन श्याल, समाजसेवी सुरेंद्र गुप्ता सहित अनेक विशिष्ट हस्तियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
यह आयोजन न केवल फ्रांस में बसे भारतीयों के लिए गौरव का क्षण रहा, बल्कि इसने पूरे विश्व को यह संदेश दिया कि स्वच्छता और आध्यात्मिकता एक-दूसरे के पूरक हैं। भारत माता की सेवा ही मानवता की सच्ची सेवा है और यही भारतीय संस्कृति का वास्तविक स्वरूप