ब्रसेल्स भारतीय संस्कृति का परचम – योग और आयुर्वेद की गूंज से महका
ब्रसेल्स (बेल्जियम) / जेंट| यूरोप की धरती पर भारतीय संस्कृति की सुगंध उस समय चारों ओर फैल गई, जब मतँगेश्वर सेवा समिति एवं दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर खजुराहो के प्रख्यात समाजसेवी पंडित सुधीर शर्मा को उनके अद्वितीय सामाजिक कार्यों के लिए विशेष सम्मान प्रदान किया गया था जिसके उपलक्ष्य में धन्यवाद समारोह का आयोजन किया गया पूरा समारोह भारतीय परंपराओं, योग और आयुर्वेद की उज्ज्वल किरणों से आलोकित रहा।
यूरोप के अनेक देशों से पधारे योग साधक, आयुर्वेद प्रेमी और भारतीय जीवनदर्शन के अनुयायी इस समारोह में सम्मिलित हुए। वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा, आनंद और सकारात्मकता की अद्भुत तरंग प्रवाहित हो रही थी। इस अवसर पर प्रख्यात विदुषी प्रो. रीटा लेनियर्स ने कहा – “योग और आयुर्वेद केवल चिकित्सा का साधन नहीं, बल्कि यह जीवन का मार्ग है, जो सम्पूर्ण विश्व को स्वास्थ्य, संतुलन और शांति प्रदान कर सकता है।” इसी क्रम में बेल्जियम के जेंट शहर में आयोजित विशेष बैठक में योग गुरु, आयुर्वेदाचार्य, वास्तु विशेषज्ञ, ज्योतिषाचार्य, ब्रह्मकुमारी, गायत्री परिवार, वागेश्वर धाम शिष्य मंडल और अर्हम ध्यान योग के साधकों ने सहभागिता कर भारतीय ज्ञान परंपरा को वैश्विक स्तर पर फैलाने का संकल्प लिया।
समारोह के प्रमुख सहयोगी, बेल्जियम के प्रतिष्ठित हीरा व्यापारी एवं खजुराहो निवासी पंडित विनोद गौतम ने घोषणा की कि “बहुत शीघ्र यूरोप में योग और आयुर्वेद संस्थान की स्थापना की जाएगी।” उनकी यह घोषणा उपस्थित जनसमूह के लिए प्रेरणादायी क्षण रहा सभी ने श्री शर्मा के द्वारा किये गए सामाजिक कार्यों कि प्रशंसा की| इस आयोजन में मंगल दीन रजक, प्रकाश रजक, विपिन श्रीवास्तव, इंजीनियर हॉनर थुइस्टेलीफ, मिसेज डॉ. एल्स सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने समारोह की गरिमा और भव्यता को और बढ़ा दिया। अंत में यह संदेश गूंजा कि योग और आयुर्वेद ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारतीय अध्यात्म विश्व में शांति, समरसता और सद्भाव का सबसे बड़ा आधार है।