ब्रसेल्स ( बेल्ज़ियम)। शिक्षक दिवस के अवसर पर यूरोप की राजधानी ब्रसेल्स में बुंदेलखंड की महान शैक्षिक परंपरा और खजुराहो की सांस्कृतिक पहचान को समर्पित एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मतँगेश्वर सेवा समिति एवं दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर के प्रमुख पंडित सुधीर शर्मा के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ, जिसमें उन शिक्षकों और उनके परिजनों को सम्मानित किया गया जिन्होंने शिक्षा, संस्कृति और व्यवसाय के क्षेत्र में योगदान देकर खजुराहो व बुंदेलखंड का नाम देश-विदेश में रोशन किया।
समारोह की शुरुआत में उन्होंने ने अपने माता-पिता को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उनके पिता पंडित मथुरा प्रसाद शर्मा का शिक्षा क्षेत्र में योगदान और माता स्व. श्रीमती पुष्पा शर्मा (बड़ी बहिन जी) का शिक्षण जीवन, उनके लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि पिता के शिष्यों ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई। उन्हीं में से डॉ अयोध्या प्रसाद गुप्ता ( बंदी डॉ. ) साहब ने आयुर्वेद के क्षेत्र में नई दिशा दी और उनकी बनाई औषधियाँ आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेजी जाती हैं। इन औषधियों को आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने भी स्वीकार किया, जो अपने आप में गर्व की बात है एवं उनकी माता जी द्वारा शिक्षित बिद्यार्थी आज बड़े होकर बड़ी बहिन जी का नाम पूरे विश्व मे रोशन कर रहे है उनके द्वारा शिक्षित बालिकाएं शिक्षा एवं टूरिज्म के क्षेत्र मे खजुराहो मे नया आयाम स्थापित कर रही है उनके द्वारा स्थापित परिवर्तन एनजीओ आज भी उनके आदर्शो पर शिक्षा के क्षेत्र मे कार्यरत है, शर्मा ने अपने जीवन को संवारने वाले यूरोप के गुरुजनों – स्व. शिक्षिका राफेला लोरेंजेत्ती, स्व. मिसेज़ दोरी स्तेला फियोंरे ( रोम ), स्व. रेनातो शर्तोरेल्लो (वेनिस), स्व. जवानी पिरोने (लेचे), स्व. श्री डॉ पाओलो नर्दिनी ( वेनिस ) को भी श्रद्धा से याद किया।
समारोह में बुंदेलखंड और खजुराहो की अंतरराष्ट्रीय पहचान को आकार देने वाले कई प्रतिष्ठित परिवारों का योगदान विशेष रूप से सराहा गया। इसमें स्व. शिक्षक जगदीश प्रसाद गौतम (पित्ती मारसाहब) एवं स्वर्गीय शांति देवी गौतम के चारों पुत्रों का नाम पंडित गणेश गौतम पंडित अशोक गौतम, पंडित विनोद गौतम, पंडित प्रकाश गौतम, अग्रणी है जिन्होंने होटल व्यवसाय, हीरा-जवाहरात, चॉकलेट और हैंडीक्राफ्ट उद्योगों के माध्यम से खजुराहो की पहचान को विश्व मंच तक पहुँचाया। इसी प्रकार भगवान सिंह लावानिया के पुत्रों हरीश और जितेंद्र लावानिया ने पर्यटन क्षेत्र में खजुराहो को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित किया। स्व. शिक्षिका इंद्रा बहिन जी के पुत्र अविनाश, राकेश और अवधेश तिवारी ने होटल लेकसाइड ग्रुप के माध्यम से जापान और यूरोप में खजुराहो की छवि को मजबूत किया।
इसी क्रम में स्व. अनिल ओस्माण्ड की धर्मपत्नी अनीता ओस्माण्ड द्वारा बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने की पहल को समाज के लिए अद्वितीय योगदान बताया गया। वहीं डॉ. अशोक हेमल और प्रो. अशोक जैन ने शिक्षा क्षेत्र में क्षेत्र का गौरव बढ़ाया। आईएएस अधिकारी रंजन यादव आईएएस अधिकारी संजय जैन अपनी सेवा देकर प्रशासनिक क्षेत्र में बुंदेलखंड का नाम रोशन कर रहे हैं। इसके साथ ही भगवान रजनीश ओशो और पूजनीय पंडित देव प्रभाकर शास्त्री (दादा जी) जैसे महान विद्वानों की विरासत को भी इस अवसर पर याद किया गया।
समारोह का समापन सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुआ, जहाँ श्रीमती साधना गौतम, मंगल दीन रजक, प्रकाश रजक और मोहम्मद ओरियाघली सहित अनेक गणमान्य लोगों ने अपने-अपने गुरुजनों को स्मरण किया और शाकाहारी व्यंजनों का आनंद लिया। यह आयोजन न केवल एक सम्मान समारोह था, बल्कि बुंदेलखंड की शैक्षिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का उत्सव भी बना, जिसने स्पष्ट कर दिया कि शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि समाज और संस्कृति की नींव भी रखते हैं।