इटली के वेनिस शहर में भव्य रूप से मनाई गई राधा अष्टमी


वेनिस (इटली)। भारतीय संस्कृति और भक्ति की गंगा उस समय बहती हुई प्रतीत हुई जब इटली के प्रसिद्ध शहर वेनिस में राधा अष्टमी का दिव्य पर्व अत्यंत भक्ति भाव एवं श्रद्धा के साथ मनाया गया इस आयोजन का संचालन दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर एवं मतँगेश्वर सेवा समिति खजुराहो के तत्वावधान में समिति के प्रमुख पंडित सुधीर शर्मा द्वारा किया गया
कार्यक्रम की शुरुआत श्री गणेश, माता लक्ष्मी एवं माता सरस्वती की पूजा से हुई तत्पश्चात् परमपूज्य गुरुदेव पंडित देव प्रभाकर शास्त्री (दद्दा जी), पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम), आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज, श्री मन्नत महाराज, नारायण महाराज, प्रेम गिरी महाराज और मतंग श्री धूना बाबा (झाड़ू वाले बाबा) सहित अनेक संत-महापुरुषों का ध्यान कर कार्यक्रम को आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत किया  गया| अपने आशीर्वचन में पंडित शर्मा ने राधा अष्टमी के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि “श्री राधा केवल भक्ति का स्वरूप ही नहीं, बल्कि निष्काम प्रेम की परम धारा हैं। श्रीकृष्ण की लीलाओं में राधा का स्थान सर्वोच्च है क्योंकि वे भक्ति की आत्मा हैं। राधा का स्मरण करना स्वयं में एक साधना है, जो जीवन को शुद्ध, प्रेममय और दिव्य बनाती है।”
उन्होंने आगे बताया कि आज के भौतिक युग में राधा का संदेश मानवता को सिखाता है कि प्रेम केवल भोग या स्वार्थ का साधन नहीं, बल्कि आत्मा की उच्चतम अवस्था है। राधा हमें सच्चे प्रेम, समर्पण और सेवा की राह दिखाती हैं। इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से जुड़ी छतरपुर जिले के एकमात्र बेगलेस स्कूल की संचालिका वर्षा चतुर्वेदी ने भी राधा अष्टमी के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा – “श्री राधा त्याग, भक्ति और असीम करुणा की प्रतिमूर्ति हैं। वे हर युग की नारी शक्ति का दिव्य स्वरूप हैं। उनका जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि सच्ची भक्ति में कोई बंधन, कोई शर्त नहीं होती। भक्ति का मूल उद्देश्य है—दिव्य प्रेम और आत्मिक शांति। आज की युवा पीढ़ी यदि राधा के चरित्र और उनके आदर्शों को अपनाए, तो समाज में करुणा, सहिष्णुता और मानवीय मूल्यों का विकास होगा।”
कार्यक्रम में विभिन्न देशों से भक्तगण ऑनलाइन जुड़े। बुंदेलखंड सहकारी समिति के चेयरमैन विकास चतुर्वेदी ने भी इस अवसर पर राधा की भक्ति को मानवता के लिए प्रेरणास्रोत बताया। स्थानीय नागरिकों और भारतीय समुदाय ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया महाराजा दी खजुराहो रेस्टोरेंट के समीर सिद्धार्थ शर्मा, मिखेला नर्दिनी, कुरुकुमा रेस्टोरेंट के आशिफ खान व आलमा खान, आयुर्वेदिक सेंटर की बारबरा, योगिनी देवोरा, हरे रामा हरे कृष्णा के साधक, अर्हम योग ध्यान और ब्रह्मकुमारी संस्थान के अनुयायी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। भजन-कीर्तन और ध्यान के बीच पूरा वातावरण “राधे-राधे” के दिव्य नाम से गूंज उठा| कार्यक्रम का समापन श्री राधा-कृष्ण की भव्य आरती, प्रसाद वितरण और गगनभेदी जयकारों के साथ हुआ। इस अवसर पर वेनिस की गलियाँ भारतीय संस्कृति और भक्ति की मधुर सुगंध से महक उठीं।

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