श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इटली मे हुआ विश्व शांति महायज्ञ

खजुराहो/इटली/फ्रांस| श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व इस बार सचमुच अंतरराष्ट्रीय स्वरूप लेकर आया। मतँगेश्वर सेवा समिति एवं दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर के तत्वावधान में इटली के वेनिस राज्य के पोर्टो ग्रुआरो और फ्रांस के मीर पुआ में एक भव्य समारोह का आयोजन हुआ, जिसने भारतीय अध्यात्म और यूरोपीय संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया
प्रातःकाल सूर्योदय के साथ भगवान गणेश, माता लक्ष्मी एवं माता सरस्वती का ध्यान कर, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज, पंडित देव प्रभाकर शास्त्री “दद्दा जी”, मन्नत महाराज, नारायण महाराज, प्रेमगिरी महाराज, ब्रह्मा बाबा ब्रह्माकुमारी, भगवान ओशो रजनीश एवं इटालियन संत पादरे पियु सहित समस्त पूज्य संतों का आशीर्वाद लेकर महायज्ञ का शुभारंभ हुआ
 भजन-कीर्तन, आरती और कृष्णलीला ने समा बांधादिनभर मधुर भजन-कीर्तन से वातावरण भक्तिमय रहा। संध्या समय भव्य आरती एवं कृष्णलीला के मनोहारी दृश्य प्रस्तुत हुए। जैसे ही मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण जन्म की वेला आई, भारतीय परिधानों में सजे भक्तगण झूम उठे और पूरा परिसर “हरे कृष्णा हरे रामा ” के गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा|  इस आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता रही—रूस और यूक्रेन के भक्तों का एक साथ बैठकर यज्ञ करना इन देशों के बीच युद्ध की स्थिति के बावजूद भक्तों ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मिलकर विश्व शांति और मानवता की रक्षा की कामना की
इस अवसर पर भक्ति योग गुरु पंडित सुधीर कृष्ण शर्मा भावुक होकर बोले “आज मुझे अपने ब्रज की याद आ गई। मेरा जन्म ब्रज में हुआ, पालन-पोषण बुंदेलखंड में। हमारे परिवार में पीढ़ियों से ब्रज परंपरा जीवित रही है मेरे परदादाजी ठाकुर नारायण प्रसाद शर्मा,दादा जी गोपाल प्रसाद शर्मा, चाचा जी घनश्याम शर्मा, पिताजी मथुरा प्रसाद शर्मा और दादीजी राधारानी शर्मा — सभी ने मुझे कृष्णभक्ति के संस्कार दिए दादीजी ने ही मेरा नाम ‘ठाकुर सुधीर शर्मा’ रखा मेरी पुत्री सरिता राधा शर्मा, जिसने इटली में शिक्षा ली और गोविंद गुइडो से हिंदू रीति-रिवाज से विवाह किया, आज इस महोत्सव का हिस्सा बनकर ब्रज और यूरोप के बीच सेतु बनी है” उन्होंने अपनी बुआ माधुरी जी, इंद्रा जी, सुधा जी, लक्ष्मी जी को नमन किया
उन्होंने आगे कहा कि बुंदेलखंड और ब्रज का संबंध अटूट है पन्ना और खजुराहो के मंदिरों में ब्रज संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है पन्ना के मंदिर जहाँ इटालियन वास्तुकारों द्वारा निर्मित हैं, वहीं खजुराहो के मंदिरों की भित्तिचित्रों में कृष्णलीला के दर्शन होते हैं|  इस महोत्सव में इंडो-यूरोपियन बिजनेस काउंसिल के अमन स्याल, महाराजा रेस्टोरेंट की मिखेला नार्दिनी, आलमा खान, सरिता राधा शर्मा, गोविंद गुइडो, ला करकुमा इंडियन रेस्टोरेंट ग्रुप के आसिफ खान, संजू पिपरसानिया, योगी जान लूका, इस्कॉन साधक, ब्रह्मकुमारी साधक, अर्हम ध्यान योग साधक समेत अनेक देशों से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया और कृष्णभक्ति में डूबकर नृत्य किया

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