आधे अधूरे स्टेडियम में व्यवस्था सम्हालने में फेल रहा जीडीसीएः बालेन्दु शुक्ला

- विकास की प्लानिंग के लिये सभी साथ बैठे
ग्वालियर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री कै. माधवराव सिंधिया के बालसखा, पूर्व केबिनेट मंत्री व जीडीसीए के फाउंडर मेंबर बालेन्दु शुक्ला ने कहा है कि ग्वालियर में आधे अधूरे स्टेडियम में एमपीएल कराना ग्वालियर की शान के खिलाफ रहा। मैच के दौरान जो अव्यवस्था फैली व दर्शकों पर लाठीचार्ज हुआ, उससे जीडीसीए की छवि धूमिल हुई है। बालेन्दु शुक्ला ने कहा कि स्टेडियम के पूर्ण निर्माण कार्य की संपन्नता के बाद ही मैच कराने चाहिये थे।
मंगलवार को अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा में पूर्व मंत्री बालेन्दु शुक्ला ने कहा कि स्टेडियम में अत्याधिक भीड़ के प्रवेश की बात कर जीडीसीए के पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ रहे हैं, जबकि स्टेडियम पूरी तरह से अपनी क्षमता से 60 प्रतिशत खाली था। जब जीडीसीए ने दर्शकों के लिये गेट ही नहीं खोले तो आम दर्शक कैसे स्टेडियम में प्रवेश करते, जिस कारण दर्शकों का गुस्सा फूट  पड़ा। उन्होंने कहा कि जीडीसीए अध्यक्ष प्रशांत मेहता इतने अनुभवी है फिर उनसे कैसे चूक हो गई यह समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि जीडीसीए के अध्यक्ष चंद पदाधिकारियों की कठपुतली बन गये हैं और उन्होंने जमीनी हकीकत नहीं देखी। 
बालेन्दु शुक्ला ने कहा कि कै. माधवराव सिंधिया वास्तव में क्रिकेट प्रेमी थे और वह आम जनता के साथ ही खिलाड़ियों की भावना समझते थे। जिसको लेकर उन्होंने ग्वालियर में एक भव्य क्रिकेट स्टेडियम को लेकर सपना देखा था। शुक्ला ने कहा कि जितने लोग स्टेडियम के बाहर मैच के लिये खड़े थे यदि उन्हें भी सभी गेट खोलकर प्रवेश दिया जाता तो भी स्टेडियम खाली रहता और क्रिकेट प्रेमी उत्तेजित नहीं होते और क्रिकेट प्रेमियों को पुलिस के गुस्से का शिकार नहीं होना पड़ता।  शुक्ला ने कहा कि अब स्टेडियम पूरा बनने के बाद ही मैच के लिये खोला जाये, वह इस संदर्भ में प्रशासन व जीडीसीए में बात भी करेंगे। 

स्टेडियम में पत्रकारों से भी हुआ था र्दुव्यवहार 
बालेन्दु शुक्ला ने कहा कि उन्हें जानकारी लगी है कि जीडीसीए पदाधिकारियों की ना समझी से न केवल खेल प्रेमी पुलिस की लाठियों के शिकार हुयेे। बल्कि वरिष्ठ संपादक, वरिष्ठ पत्रकार, पत्रकार, छायाकार भी बेहद परेशान हुये। कई समाचार पत्रों के संपादक भी स्टेडियम के भीतर प्रवेश नहीं कर सकें, जो पत्रकार जाम व लाठीचार्ज, पत्थरबाजी के बाद स्टेडियम के प्रवेश गेट नंबर 4 पर पहुंचे तो उन्हें भगाकर गेट नंबर 1 व 2 पर भेजा गया। जहां से भी पत्रकारों और छायाकारों को भगाया गया। यहां जीडीसीए का कोई पदाधिकारी नहीं दिखा, वहीं मीडिया का काम देख रहे आशुतोष भी गायब दिखे। जबकि इन्हें मीडिया को सम्मानपूर्वक अंदर ले जाना था। जीडीसीए के सारे पदाधिकारी केवल युवराज महाआर्यमन सिंधिया के आगे पीछे उन्हें चेहरा दिखाते रहे और फोटो सेशन कराते रहे। चार पांच मुख्य पदाधिकारी शोमैन बने रहे। स्वयं केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का मीडिया का काम देखने वाले आशुतोष भी गायब थे। उन्होंने मीडिया को कोई सहयोग ही नहीं किया।
 
विकास के लिये साथ बैठे
पूर्व केबिनेट मंत्री बालेन्दु शुक्ला ने कहा कि ग्वालियर में अब सुनियोजित विकास के लिये पहल होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि विभागों में आपस में समन्वय न होने से सारा शहर अव्यवस्थित हो गया है और लोग बेहद परेशान है। पूरा शहर धूल मिटटी, जलभराव की समस्या से जूझ रहा हैं। सड़कें एक ही बारिश में धुल गई हैं। बालेन्दु शुक्ला ने कहा कि विकास सीखना हैं तो इंदौर की तरह सीखना चाहिये। जहां सभी मिलकर काम करते हैं। इस मौके पर कांग्रेस नेता लतीफ खां मल्लू व कांग्रेस प्रवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे। 

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