हल्दी घाटी युद्ध में एक परिवार के बलिदानियों की याद में पराक्रम स्वाभिमान यात्रा 18 को
ग्वालियर। प्रसिद्ध प्रतापी राजा महाराणा प्रताप द्वारा 1576 में लडे हल्दी घाटी के युद्ध में ग्वालियर राजघराने के राजा रामशाह तोमर की तीन पीढियों के बलिदान के इतिहास की याद में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 18 जून को पराक्रम स्वाभिमान यात्रा ग्वालियर के एतिहासिक किले से निकाली जायेगी। इस यात्रा का समापन चिलाय माता मंदिर ऐसाहगढ तंवरघार मुरैना पर होगा।
उक्त जानकारी रविवार को पत्रकारों को देते हुये पराक्रम स्वाभिमान यात्रा संयोजक रोहित सिंह तोमर, सौरभ सिंह तोमर, क्षत्रिय महासभा के सुरेन्द्र सिंह तोमर, ने बताया कि ग्वालियर चंबल के तोमर राजघराने के तीन पीढियों ने एक साथ एक ही दिन में राजा रामशाह तोमर, उनके तीन पुत्रों शालिवान तोमर, प्रताप सिंह तोमर भवानी सिंह तोमर, एवं पौत्र बीलभद्र सिंह तोमर ने अपने वतन की खातिर हल्दी घाटी के युद्ध में लगभग 300 सैनिकों के साथ बलिदान दिया। उनकी याद में 18 जून को पराक्रम स्वाभिमान यात्रा 2024 ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर किला गेट से सुबह 7 बजे से शंरू होगी। यह यात्रा फूलबाग स्थित महारानी लक्ष्मीबाई की समाधि , महाराजा मानसिंह तोमर चैराहा, महाराणा प्रताप सिंह चैक गोला का मंदिर, डीडी नगरहोते हुये मालनपुर, गोहद से तंवर घार के विभिन्न गांवों पोरसा, अंबाह, होते हुये मां चिल्लासन देवी मंदिर ऐसाहगढ पर पहंुच कर समाप्त होगी। वहां पहुंच कर यात्रा में शामिल समाज के लोगों द्वारा राजा रामशाह तोमर एवं उनके पु़त्रों और पौत्र को श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। इससे पहले किले पर यात्रा संयोजक रोहित तोमर, सौरभ तोमर, सह संयोजक हेमलता तोमर नागदा, सुरेन्द्र सिह तोमर, नौनेरा, रामचन्द्र तोमर, सागौली, दिनेश सिंह तोमर, नगरा, राजेन्द्र सिंह तोमर, आदि द्वारा ध्वज का पूजन कर बाबा बालक दास महाराज, संत कृपाल सिंह महाराज यात्रा का शुभारंभ करेंगे।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री निहाल सिंह चैहान ने बताया कि इस अवसर पर समाज के लोग यात्रा का स्थान स्थान पर स्वागत करेंगे एवं वह स्वयं यात्रा में पूरे समय साथ रहेंगे। इस अवसर पर सुरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि वह समाज के लोगों से जन प्रतिनिधियों के माध्यम से राजा रामशाह तोमर की प्रतिमा लगाने के लिए प्रयास करेंगे। वहीं ऐसाह चिल्लासन माता मंदिर को ईको फ्रेडली आध्यात्म केन्द्र घोषित करने , वहां विकास कार्य कराने, चंबल पर घाट बनाने बलिदानियों को इतिहास के पन्नों पर लाने के लिए रिसर्च करने महाराणा प्रताप प्रतिमा चैराहा गोला का मंदिर से ग्वालियर किला गेट का मार्ग का नाम राजा रामशाह तोमर के नाम पर रखने संगोष्ठी कराने आदि का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया िकइस यात्रा में लगभग 300 वाहन साथ जायेंगे।
इस अवसर पर पत्रकार वार्ता में अरूणेश सिंह भदौरिया, दिनेश सिंह तोमर, रामचन्द्र तोमर , गायत्री आदि मौजूद रहे।